ओपीनियन पोल में दीदी का फिर बज रहा डंका, बंगाल में बन सकती हैं सरकार, बीजेपी की सीटों में इजाफा

ओपीनियन पोल में दीदी का फिर बज रहा डंका, बंगाल में बन सकती हैं सरकार, बीजेपी की सीटों में इजाफा

प्रेषित समय :22:03:30 PM / Mon, Mar 8th, 2021

नई दिल्ली/कोलकाता. पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे. पिछले दो बार से राज्य में ममता बनर्जी की सरकार बनती आ रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए 211 सीटों पर कब्जा जमाया था. पहले चरण के लिए 27 मार्च को वोटिंग होगी. आठवें और अंतिम चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी. एबीपी न्यूज और सीएनएक्स के ओपिनियन पोल के मुताबिक, बंगाल में टीएमसी 154 से 164 सीटों के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है. जबकि बीजेपी 102 से 112 सीटों के साथ राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन रही है.

दक्षिण पूर्व बंगाल में 84 सीटें हैं. इस इलाके में टीएमसी को 54 से 60 सीटें मिलने की उम्मीद है. जबकि बीजेपी को 7 से 13 सीटें मिल सकती हैं. लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन के खाते में 14 से 20 सीट जाने की संभावना है. अन्य का यहां खाता भी नहीं खुलता नजर आ रहा है.

एबीपी न्यूज और सीएनएक्स के ओपिनियन पोल के मुताबिक, बंगाल में टीएमसी 154 से 164 सीटों के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है. जबकि बीजेपी 102 से 112 सीटों के साथ राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन रही है. लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन के खाते में सिर्फ 22 से 30 सीटें जाने की उम्मीद है. अन्य को एक से तीन सीट मिलने की संभावना है.

दक्षिण-पश्चिम बंगाल

दक्षिण पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 119 सीटें है. यहां टीएमसी के खाते में 60 से 66 सीटें आने की उम्मीद है. बीजेपी भी यहां जबरदस्त टक्कर दे रही है, उसे 51 से 57 सीटें मिलने की उम्मीद है. लेफ्ट कांग्रेस गठबंधन के हिस्से में इस इलाके में सिर्फ 1 से 3 सीटें आने की उम्मीद है. जबकि इस इलाके में भी अन्य को एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं है.

उत्तर बंगाल के यह हैं रुझान

उत्तर बंगाल रीजन में 56 सीटें हैं. यहां टीएमसी को 12 से 18 सीटें मिल सकती है. बीजेपी को इस इलाके में बड़ी बढ़त दिख रही है, उसे 29 से 35 सीटें मिल सकती हैं. लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन को 5-9 सीटें मिलने की उम्मीद है. जबिक अन्य के खाते में 1 से 3 सीट जा सकती हैं.

ग्रेटर कोलकाता में दीदी का डंका

ग्रेटर कोलकाता में कुल 35 विधानसभा सीटे हैं. सर्वे के मुताबिक, टीएमसी को यहां 21-27 सीटें मिल रही हैं. बीजेपी को 8 से 14 सीटें मिल रही हैं. लेफ्ट कांग्रेस गठबंधन का यहां खाता खुलता भी नहीं दिख रहा है. अन्य भी यहां कोई कमाल नहीं दिखा रहे हैं, यानी उनके खाते में भी कोई सीट नहीं आ रही है.

2019 लोकसभा में यह थी स्थिति

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में टीएमसी को 43.28 फीसदी वोट मिले, जबकि इस सर्वे में उसे 41.53 फीसदी वोट मिल रहे हैं, यानी उसे 1.75 फीसदी वोट का नुकसान हो रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 40 फीसदी वोट मिले, जबकि इस सर्वे में 34 फीसदी वोट मिल रहे हैं, इस तरह उसे 2019 के मुकाबले 6 फीसदी वोट का नुकसान हो रहा है. लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन को 2019 में 13 फीसदी वोट मिले और इस बार उसे 19 फीसदी वोट मिल रहे हैं, उसे 6 फीसदी वोट का फायदा हो रहा है. अन्य को 5.49 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं और उन्हें 1.23 फीसदी का फायदा हो रहा है.

यह है ओवरआल वोट प्रतिशत

2016 के विधानसभा चुनाव के वोट प्रतिशत को देखा जाए तो टीएमसी को अभी 41.53 फीसदी वोट मिल रहे हैं, जबकि 2016 में उसे 44.91 फीसदी वोट मिले थे, इस तरह उसे 3.38 फीसदी का घाटा हो रहा है. वहीं बीजेपी को 2016 के विधानसभा चुनाव में महज 10 फीसदी वोट मिले थे, औऱ अब सर्वे के मुताहिक उसे 34 फीसदी वोट मिल रहे हैं, ये करीब 24 फीसदी की बढ़त है. लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन ने 2016 में 28 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, लेकिन आज उसे 19 फीसदी वोट मिलते ही दि रहे हैं, इस तरह उसे 9 फीसदी का घाटा हो रहा है. अन्य की बात की जाए तो पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें 6.99 फीसदी वोट मिले थे, जबकि इस बार उन्हें 4.59 फीसदी वोट मिल रहे हैं, यानी 2.4 फीसदी का घाटा हो रहा है.

सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 42 फीसदी वोट मिल सकते हैं. वहीं बीजेपी के खाते में 34 फीसदी वोट जा सकते हैं. इसके अलावा लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 19 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. अन्य के खाते में पांच फीसदी वोट जा सकते हैं. आज के पोल में टीएमसी को 41.53 फीसदी वोट मिल रहे हैं, जबकि 15 फरवरी के ओपिनियन पोल में टीएमसी को 41.09 फीसद वोट मिल रहे थे, इस तरह टीएमसी के वोट शेयर में 0.44 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. बीजेपी को आज के पोल में 34 फीसद वोट मिल रहे हैं जबकि पिछले ओपिनियन पोल में उसे 37 फीसद वोट मिले थे, इस तरह उसे 3 फीसद का नुकसान हो रहा है. लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन को अभी 19 फीसद वोट मिल रहे हैं, जबकि पिछली बार उसे 17 फीसदी वोट मिल रहे थे, उस तरह उसे 2 फीसदी का फायदा हो रहा है. जबकि अन्य के 4.59 फीसद वोट मिल रहे हैं, पिछले बार इनका वोट शेयर 5.13 फीसदी था, इस तरह उन्हें लगभग आधा फीसदी का घाटा हो रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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