नई दिल्ली. अमरनाथ यात्रा 2021 की तारीखें आज शनिवार को घोषित कर दी गई हैं. इस साल 28 जून से 22 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा चलेगी. अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की मीटिंग में ये फैसला लिया गया है. इस बार अमरनाथ यात्रा 56 दिन तक चलेगी. श्रद्धालु 1 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से तैयारियों को शुरू कर दिया गया है.
दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा इस साल 28 जून से शुरू होगी और परंपरा के अनुसार 22 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी. अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 40वीं बैठक में यह फैसला लिया गया. दिलचस्प बात ये है कि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ये पहली पवित्र अमरनाथ यात्रा है, क्योंकि साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया था.
अधिकारियों ने कहा कि 37 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक और यस बैंक की 446 चयनित शाखाओं में एक अप्रैल को पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के चलते कुछ साधुओं ने ही यात्रा की थी, जबकि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से तीन दिन पहले, यानी दो अगस्त को आतंकवाद के खतरे के मद्देनजर यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था.
वहीं वर्ष 2019 में 3.42 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा में हिमलिंग के दर्शन किये थे. वहीं भारतीय सेना ने भी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा प्लान तैयार कर लिया है. इस बार यात्रा के मार्ग पर बलों की तैनाती का ध्यान रखा जाएगा और जहां जरूरत होगी वहां अतिरिक्त बल लगाए जाएंगे.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने इस साल 28 जून से दोनों मार्गों अनंतनाग जिले के पहलगाम में 46 किलोमीटर लंबे पारंपरिक मार्ग और गंदेरबल जिले के बालटाल में 12 किलोमीटर लंबे रास्ते से एक साथ यात्रा शुरू करने का निर्णय किया है.
उन्होंने कहा कि इस साल सरकार द्वारा जारी कोविड-19 मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) के तहत यात्रा होगी. 13 साल से कम और 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं होगी.
प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड ने मार्गों के अनुसार यात्रियों की दैनिक संख्या को 7,500 से बढ़ाकर 10 हजार करने का भी निर्णय लिया है. इनमें हेलीकॉप्टरों से यात्रा करने वाले यात्री शामिल नहीं होंगे. प्रवक्ता ने कहा कि इस साल की यात्रा की खास बात बालटाल से डोमेल के बीच के 2.75 किलोमीटर लंबे हिस्से में आवाजाही के लिये बैटरी से चलने वाली कार की सेवा नि:शुल्क उपलब्ध कराना है1
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान बोर्ड ने अगले तीन साल के लिये पुजारियों का दैनिक वेतन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये करने का निर्णय लिया है. प्रवक्ता ने कहा कि इसके अलावा पांच जनवरी को यात्रा की तैयारियों के लिये हुई बैठक में उपराज्यपाल द्वारा दिये गए निर्देश के अनुसार यात्रियों और सेवा प्रदाताओं के सामूहिक दुर्घटना बीमा कवर की राशि को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये जबकि खच्चरों का बीमा कवर 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है.
अमरनाथ यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की पहली और अहम प्राथमिकता है. इस बार यात्रा मार्ग पर रेडियो फ्रीक्वेंसी से श्रद्धालुओं की निगरानी की जाएगी. इसके लिए सरकार की ओर से आधार शिविरों, बालटाल और पहलगाम में आवश्यक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा. यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालुओं को टैग दिए जाएंगे. इनकी मदद से यात्रा मार्ग के दौरान उन पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं से जुड़ी हरेक जानकारी का डाटा एकत्रित किया जा सके. अगर किसी आपात स्थिति में श्रद्धालु को कोई मदद चाहिए होगी तो तुरंत उस तक मदद और उपस्थिति की सटीक जानकारी मिल सकेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मानव तस्करी: नेपाल ने बनाए महिलाओं की विदेश यात्रा को लेकर नए नियम
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