लंदन. फ्रांस में कोरोना की तीसरी लहर की वजह से राजधानी पेरिस में एक महीने का लॉकडाउन लगा दिया गया है. पेरिस के साथ देश के 15 अन्य इलाकों में भी शुक्रवार आधी रात से लॉकडाउन किया जा रहा है. फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कैस्टेक्स ने कहा कि ये लॉकडाउन पहले के लॉकडाउन की तरह सख्त पाबंदियों वाला नहीं होगा. फ्रांस में बीते 24 घंटे में कोरोना के करीब 35,000 नए मामले सामने आए हैं.
उधर, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) की क्लीनचिट के बाद यूरोपियन देश जल्द ही एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन से वैक्सीनेशन शुरू करने की तैयारी में हैं. यूरोपियन देशों ने कहा कि स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड्स, जर्मनी, इटली, फ्रांस, लात्विया, लिथुआनिया और साइप्रस समेत कई देशों में जल्द ही इस वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू होगा. वहीं, आयरलैंड और स्वीडन में हालात का रिव्यू करने के बाद इस पर फैसला लेंगे.
फ्रांस में पाबंदियों की अहम बातें
कोरोना के प्रसार में काफी तेजी आई है. कई अलग-अलग वैरिएंट्स के साथ फ्रांस एक तरह से महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा है. ढ्ढष्ट में इस वक्त कम उम्र वाले कोरोना के मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जिनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं और इस वक्त अस्पतालों में मरीजों के रहने की अवधि भी पहले के मुकाबले बढ़ी है.
देश के 16 प्रांतों में वायरस के प्रसार पर काबू पाने के लिए आवश्यक सामग्रियों की बिक्री से संबंधित व्यवसायों और सेवाओं को खोलने की अनुमति दी जाएगी. नर्सरी, एलिमेंट्री और हाईस्कूल इस दौरान खुले रहेंगे.
ईएमए ने दी क्लीनचिट
इससे पहले ईएमए ने गुरुवार को एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को क्लीनचिट दे दी थी. श्वरू्र के मुताबिक, हमने जांच में पाया कि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. दरअसल, वैक्सीन लेने वाले कुछ लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद यूरोपियन यूनियन के देशों ने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगा दी थी.
ईएमए के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर एमर कुक ने कहा कि एजेंसी के फार्माकोविजिलेंस रिस्क एसेंसमेंट कमेटी (एफआरएसी) ने पाया कि वैक्सीन पूरी तरह फायदेमंद है और इसका ब्लड क्लॉटिंग से किसी तरह का कोई संबंध नहीं है.
ब्लड क्लॉटिंग के मामले सामने आए थे
कई देशों के कुछ लोगों में टीका लगाए जाने के बाद कथित तौर पर ब्लड क्लॉटिंग की समस्या देखी गई थी, जिसे लेकर जांच की जा रही थी. वैक्सीन लगाए जाने के बाद इन रिपोर्ट्स को लेकर इस सप्ताह की शुरुआत में जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और इटली समेत 12 से अधिक देशों ने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल को अस्थाई रूप से रोक दिया था.
डबलूएचओ ने किया था वैक्सीन का समर्थन
एस्ट्राजेनेका और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कहा था कि इस बारे में कोई सबूत नहीं हैं कि इस वैक्सीन लगने के बाद ब्लड क्लॉटिंग के मामले बढ़े. ईएमए ने भी वैक्सीन कर समर्थन करते हुए कहा था कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीन पर रोक लगाना ठीक नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान में बढ़ा कोरोना संक्रमण, प्रभावित इलाकों में लगाया गया स्मार्ट लॉकडाउन
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