सुप्रीम कोर्ट का स्कूलों में फीस को लेकर आदेश अब राजस्थान, हरियाणा व पंजाब में भी लागू

सुप्रीम कोर्ट का स्कूलों में फीस को लेकर आदेश अब राजस्थान, हरियाणा व पंजाब में भी लागू

प्रेषित समय :15:16:28 PM / Sat, Mar 20th, 2021

नई दिल्ली. निजी स्कूलों की स्कूल फीस के मामले में शुक्रवार को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजस्थान के मामले में आठ फरवरी को जो आदेश दिए थे, उन्हीं आदेशों को पंजाब और हरियाणा के स्कूलों में भी लागू किए जाने के आदेश दे दिए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने आठ फरवरी को राजस्थान के मामले में जो अंतरिम आदेश दिए हैं, उन्हीं आदेशों को अब पंजाब और हरियाणा के निजी स्कूलों पर भी लागू किया जाएगा. इन आदेशों के अनुसार छात्र के चाहे आनलाइन या फिजिकल क्लास ली हो या नहीं या उसकी फीस पेंडिग हो तो भी स्कूल उस छात्र का नाम नहीं काट सकते हैं. उस छात्र को परीक्षा में बैठने से नहीं रोक सकते हैं. निजी स्कूलों ने 2019-20 के सत्र में जो फीस तय की थी, वही फीस स्कूल सत्र 2020-21 में ले सकते हैं, उसमें बढ़ोतरी नहीं की जा सकती है. अभिभावक लंबित फीस छह महीनों में पांच मार्च से पांच अगस्त तक किश्तों के जरिए फीस भर सकते हैं. अगर किसी छात्र के अभिभावकों को फीस भरने में परेशानी है तो वह स्कूल को इस बारे में जानकारी दे सकते हैं, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को आदेश दिए हैं कि अगर उनके पास ऐसी को अर्जी आती है तो वह सहानुभूति के अनुसार उस अर्जी पर निर्णय लें.

नोएडा के स्कूल 2021-22 में फीस नहीं बढ़ा सकते - डीएम

नोएडा जिला प्रशासन ने स्कूलों को 2021-22 सत्र के लिए स्कूल फीस में वृद्धि नहीं करने का आदेश दिया है और यहां तक कि उन्हें तिमाही शुल्क भुगतान पर जोर नहीं देने के लिए कहा है. मंगलवार को जिला फीस विनियमन समिति (डीएफआरसी) की आंतरिक बैठक में निजी स्कूलों के खिलाफ कई शिकायतों से निपटने के लिए यह निर्णय लिया गया. जिला मजिस्ट्रेट के आदेश में कहा गया है कि कोविड -19 महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, नोएडा के स्कूलों को 2020-21 की शुल्क राशि को बनाए रखने के लिए कहा गया है, जो कि 2019-20 में एक के समान है. इस आदेश ने हितधारकों को याद दिलाया कि महामारी के कारण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम अभी भी लागू था और स्कूलों को मासिक रूप से शुल्क वसूलना था, न कि तिमाही. इस फैसले से उन अभिभावकों को राहत मिलेगी जो कोरोना महामारी में आर्थिक संकट झेल रहे थे और बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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