नई दिल्ली. चुनावों के मद्देनजर एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा राज्य का चुनाव आयुक्त एक स्वतंत्र व्यक्ति होना चाहिए. राज्य सरकार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को चुनाव आयुक्त नियुक्त करना भारत के संविधान के विरुद्ध है.
सुप्रीम कोटज़् ने ये फैसला गोवा सरकार के सचिव को राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार देने पर सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा जो व्यक्ति सरकार में कोई पद संभाल रहा हो उसे राज्य के चुनाव आयुक्त का पद कैसे दिया जा सकता है.
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस आरएफ नरीमन ने गोवा सरकार पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि सरकार में किसी पद पर बैठे व्यक्ति को राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपना संविधान का मखौल उड़ाना है.
उन्होंने कहा कि गोवा में जिस तरह ये राज्य चुनाव आयुक्त का पद सरकार के सचिव को दिया गया है, वह काफी परेशान करने वाला है. एक सरकारी कर्मचारी, जो सरकार के साथ रोजगार में था, गोवा में चुनाव आयोग का प्रभारी है. सरकारी अधिकारी ने पंचायत चुनाव कराने के संबंध में उच्च न्यायालय के फैसले को पलटने का प्रयास किया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-लाल किला हिंसा मामले में दिल्ली हवाई अड्डे से विदेशी नागरिक समेत 2 गिरफ्तार
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