ब्रसेल्स. यूरोपीय संघ ने उइगर मुसलमानों के उत्पीडऩ को लेकर चीन के चार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंधों की जद में आए चारों अधिकारी चीन के शिनजियांग प्रांत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में तैनात हैं. प्रतिबंधों में इन अधिकारियों की संपत्ति को जब्त करने तथा यूरोपीय संघ की यात्रा करने पर रोक शामिल है. इसके अलावा यूरोपीय संघ के नगारिकों और कंपनियों की ओर से इन अधिकारियों को किसी तरह की कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं होगी.
इसके साथ ही यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका की तरह ब्रिटेन सरकार ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में सोमवार को चीन सरकार के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने घोषणा की कि घोर मानवाधिकार उल्लंघनों के दोषियों के खिलापॅ प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ समन्वय के तहत उठाया गया कदम है.
ब्रिटेन पहली बार चीन के चार सरकारी अधिकारियों और शिनजियांग के एक सुरक्षा निकाय पर यात्रा एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाएगा. राब ने कहा ह िहम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ समन्वय करते हुए मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं
चीन ने पहले शिनजियांग के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में उइगरों को हिरासत में लेने के लिए शिविरों की मौजूदगी से इनकार किया था. चीन इन शिविरों को नौकरी प्रशिक्षण देने और कट्टरपंथी जिहादी सोच को उजागर करने वाले लोगों को फिर से शिक्षित करने का केंद्र बताया था. चीनी अधिकारी उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मानवाधिकारों के हनन के सभी आरोपों से इनकार करते हैं. शिनजियांग सरकार विरोधी हिंसा का केंद्र रहा था, लेकिन बीजिंग का दावा है कि फिलहाल सुरक्षा में भारी गिरावट आई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-विश्व उपभोक्ता दिवसः टेकलिंग प्लास्टिक पॉल्यूशन- प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें!
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