पमरे का रेलवे इंजीनियर 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रेप, एसीबी ने रुपये जब्त करने पेंट उतरवाया, डबलूसीआरएमएस का है पदाधिकारी

पमरे का रेलवे इंजीनियर 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रेप, एसीबी ने रुपये जब्त करने पेंट उतरवाया, डबलूसीआरएमएस का है पदाधिकारी

प्रेषित समय :16:35:17 PM / Wed, Mar 24th, 2021

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में पदस्थ रेलवे के एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम शर्मा को राजस्थान की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. बताते हैं  कि जैसे ही आरोपी ने रिश्वत के रुपए पेेंट की जेब में रखे, वैसे ही एसीबी की टीम ने धरदबोचा और रुपयों को जब्त करने के लिए उसकी पेेंट तक उतरवा ली. आरोपी ने रिश्वत की रकम बकाया बिल के भुगतान की एवज में 7 प्रतिशत कमीशन मांगा था. पकड़ा गया रेल इंजीननियर वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (डबलूसीआरएमएस) का पदाधिकारी भी है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि परिवादी ने 12 नवंबर 2020 को शिकायत दी थी. जिसमें बताया था कि मेरे मालिक की फर्म को एक टेंडर साल 2019 से 8 पिकअप वैन किराए पर लगाने हेतु पश्चिम मध्य रेलवे कोटा मंडल में चल रहा है. जो एसएसई (पीडबलू) यूएसएफडी कोटा के घनश्याम शर्मा सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय मंडल रेल प्रबंधक कोटा के अधीन चल रहा है. उक्त गाडिय़ों के पेंडिंग बिलों के भुगतान के लिए जब भी घनश्याम शर्मा से मिला तो उन्होंने ने बिल भुगतान की एवज में खुद के लिए 7 प्रतिशत कमीशन व अन्य अधिकारियों जो बिल बनवाने व पास करने में मदद करते हैं, के लिए कमीशन की मांग की. कमीशन नहीं देने पर बिल भुगतान अटकाने की बात कहीं.

शिकायत पर एसीबी ने मामले का गोपनीय सत्यापन किया. सत्यापन के दौरान 12 नवंबर, 16 दिसंबर , 7 जनवरी और 13 फरवरी को शिकायत की पुष्टि हुई. रिश्वत मांग सत्यापन के दौरान घनश्याम शर्मा 10 हजार रुपए प्रति माह के बिल के हिसाब से प्राप्त किए. मंगलवार 23 मार्च की देर रात को एसीबी ने आरोपी घनश्याम शर्मा को निजी आवास (मंगल भवन बाल मंदिर स्कूल के पास कोटा जंक्शन) पर आकर परिवादी से रिश्वत राशि के 35 हजार रुपए प्राप्त किए. रिश्वत की राशि आरोपी के कब्जे से बरामद की गई. गोपनीय सत्यापन व रिश्वत राशि लेनदेन में परिवादी के लंबित कार्य से संबंधित कार्यालय मंडल रेल प्रबंधक कोटा के अन्य अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, जिसकी जांच की जा रही है.

डिपो इंचार्ज बनवाने मजदूर संघ ने किया था आंदोलन, कर्मचारियों ने जताया था विरोध

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये एसएसई घनश्याम शर्र्मा हमेशा से विवादास्पद रहे. उनका कर्मचारियों के बीच भी काफी विरोध रहा. मजदूर संघ के मंडल उपाध्यक्ष होने के नाते वे एक डिपो का इंचार्ज बनना चाहते थे और इसके लिए मजदूर संघ ने कोटा में पूर्व में जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए डीआरएम व सीनियर डीईएन (को) पर दबाव बनाया था, लेकिन जैसे ही डिपो के कर्मचारियों को इसकी जानकारी लगी, उन्होंने भी शर्मा की नियुक्ति के प्रयासों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करते हुए डीआरएम व सीनियर डीईएन (को) से मांग की थी कि उक्त एसएसई की नियुक्ति उनके डिपो में नहीं की जाये. हालांकि बाद में उनकी नियुक्ति डिपो में नहीं की गई, किंतु घनश्याम शर्मा ने यूएसएफडी में नियुक्ति में ही अपना भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया और एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

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