प्रदीप द्विवेदी. किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से उसका बड़ा असर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में नजर आया है, लेकिन अन्य राज्यों में तब इसका प्रत्यक्ष प्रभाव उतना बड़ा नजर नहीं आया, लेकिन कुछ समय से इसका विस्तार अन्य राज्यों में भी हो रहा है.
बड़ा सवाल यह है कि पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात में कृषि कानूनों को लेकर किसान क्या सोचते हैं? क्या गुजरात में किसान आंदोलन का असर नजर आएगा?
किसान आंदोलन ने किसान नेता राकेश टिकैत को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है, तो गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला लगातार पीएम मोदी की नीतियों पर सियासी निशाना साध रहे हैं.
उन्होंने ट्वीट करके संयुक्त किसान मोर्चा के साथ गुजरात में तारीख 4 और 5 को होने वाले कार्यक्रमों का ब्यौरा दिया है.
याद रहे, इस कार्यक्रम को लेकर की जा रही प्रेसवार्ता के दौरान गुजरात में युद्धवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वाघेला ने कहा था कि- किसान मोर्चा की प्रेसवार्ता मात्र से बौखला उठी भाजपा ने दिल्ली से अपनी रिमोट कंट्रोल वाली बीजेपी गुजरात सरकार को आदेश देकर प्रेसवार्ता रुकवा दी और युद्धवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया. गुजरात भाजपा का गुलाम नहीं है, किसानों की आवाज दबेगी नहीं.
यही नहीं, उन्होंने राकेश टिकैत का वह ट्वीट भी रीट्वीट किया जिसमें कहा गया था कि- गुजरात के अहमदाबाद में किसान नेता युद्धवीर सिंह सिंह को प्रेस वार्ता के दौरान गिरफ्तार करना ही गुजरात मॉडल की हकीकत है. किसान की आवाज को दबाया नही जा सकता. किसान का संघर्ष अब और तेज होगा.
इतना ही नहीं, वाघेला ने उन अधिकारियों को भी चेताया जो इसमें सक्रिय थे, जो अधिकारी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं, उन पर निशाना साधते हुए वाघेला ने कहा कि- जो पुलिस अधिकारी भाजपा के इशारे पे नाच रहे हैं, वे याद रखें कि सरकार तो आज है, कल नहीं, इसलिए भाजपा के इशारे पर नहीं चलें और राजनीति में आना ही हो तो भाजपा ज्वाइन कर लें.
गुजरात में सक्रिय किसानों को लेकर वाघेला का कहना था कि- राकेश टिकैत गुजरात में किसानों से संवाद करने आ रहे हैं, कोई चुनाव प्रचार करने नहीं आ रहे, हमें किसानों से संवाद करने और अंबाजी मंदिर में दर्शन करने से सरकार तो क्या, कोई भी रोक नहीं सकता!
https://twitter.com/i/status/1375376005850783748
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात के अहमदाबाद में किसान नेता युद्धवीर सिंह सिंह को प्रेस वार्ता के दौरान गिरफ्तार करना ही गुजरात मॉडल की हकीकत है। किसान की आवाज को दबाया नही जा सकता। किसान का संघर्ष अब और तेज होगा।@aajtak @news24tvchannel @ndtvindia @abhisar_sharma @sakshijoshii @ajitanjum @narendramodi pic.twitter.com/utQdHmQjrZ
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) March 26, 2021
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