शुभ मुहूर्त:- सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक. घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त:- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक.
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन ही सूर्योदय के समय ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना की थी. यही मुख्य कारण है कि, पंचांग अनुसार हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात प्रथम तिथि के साथ ही, हिन्दू नव वर्ष का प्रारंभ भी होता है और इसी दिन से नया संवत्सर लागू होता है. वर्ष 2021 में दिनांक 13 अप्रैल, मंगलवार से नव संवत्सर 2078 आरंभ होगा. तभी से विक्रम संवत 2078 भी प्रारंभ हो जाएगा.
परंतु मंगलवार से प्रारंभ हो रही प्रतिपदा के कारण इस संवत का राजा क्रूर ग्रह मंगल होगा. मंगल दंगल भी कराता है और मंगल भी करता है.
पंचांग की गणना से देखें तो इस बार 13 अप्रैल मंगलवार को आनंद संवत्सर का आरंभ हो रहा है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 13 अप्रैल को अमृतसिद्धि योग में नव संवत्सर आनंद का आरंभ होगा.
मंगलवार के दिन वर्ष का आरंभ होने से वर्ष के राजा मंगल होंगे. मंत्री का पद भी मंगल के पास रहेगा.
क्या होता है नवसंवत्सर-?
नया वर्ष लगने पर नया संवत्सर भी प्रारंभ होता है. जैसे बारह माह होते हैं उसी तरह 60 संवत्सर होते हैं. संवत्सर अर्थात बारह महीने का कालविशेष. सूर्यसिद्धान्त अनुसार संवत्सर बृहस्पति ग्रह के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं. 60 संवत्सरों में 20-20-20 के तीन हिस्से हैं जिनको ब्रह्मा विंशति (1-20), विष्णु विंशति (21-40) और शिव विंशति (41-60) कहते हैं.
60 संवत्सर : संवत्सर को वर्ष कहते हैं: प्रत्येक वर्ष का अलग नाम होता है. कुल 60 वर्ष होते हैं तो एक चक्र पूरा हो जाता है. वर्तमान में प्रमादी नामक संवत्सर है. 13 अप्रैल से आनंद नामक संवत्सर शुरू होगा.
संवत्सर का नाम इस प्रकार हैं:- प्रभव, विभव, शुक्ल, प्रमोद, प्रजापति, अंगिरा, श्रीमुख, भाव, युवा, धाता, ईश्वर, बहुधान्य, प्रमाथी, विक्रम, वृष प्रजा, चित्रभानु, सुभानु, तारण, पार्थिव, अव्यय, सर्वजीत, सर्वधारी, विरोधी, विकृति, खर, नंदन, विजय, जय, मन्मथ, दुर्मुख, हेमलम्बी, विलम्बी, विकारी, शार्वरी, प्लव, शुभकृत, शोभकृत, क्रोधी, विश्वावसु, पराभव, प्ल्वंग, कीलक, सौम्य, साधारण, विरोधकृत, परिधावी, प्रमादी, आनंद, राक्षस, नल, पिंगल, काल, सिद्धार्थ, रौद्रि, दुर्मति, दुन्दुभी, रूधिरोद्गारी, रक्ताक्षी, क्रोधन और अक्षय.
जैसा कि मंगलवार से नया संवत्सर शुरू होने के कारण इस संवत्सर का राजा और मंत्री मंगल हैं.
मंगल को युद्ध का देवता कहा जाता जाता है. यह हिंसा, दुर्घटना, भूकंप, विनाश, शक्ति, सशस्त्र बलों, सेना, पुलिस, इंजीनियरिंग, अग्निशमन, शल्य चिकित्सा, कसाई, छिपकर हत्या करने वाला, दुर्घटना, अपहरण, बलात्कार, उपद्रव, सामाजिक और राजैनतिक अस्थिरता के कारक ग्रह हैं. विक्रम संवत 2078 के राजा मंगल होने से इस साल आंधी-तूफान का भी जोर रहेगा. मतलब लोग महामारी से मुक्त होंगे परंतु उपद्रव और प्राकृतिक घटनाओं से परेशान रहेंगे. यह वर्ष पूरी दुनिया को अच्छी और बुरी घटनाओं से प्रभावित करेगा तथा अप्रिय घटनाएं भी होंगी. कई देशों में तनाव और आपसी टकराव की बमबारी भूंकप पहाड़ों से आपदाएं आती हुई नजर आएंगी.
नवरात्रि में करें सिर्फ ये कार्य, आपके सभी मनोरथ होंगे पूर्ण-नवरात्र में बनेगें अनेक शुभ फल:-
इस बार चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल, 2021 मंगलवार से शुरू हो रहे हैं. इसी दिन से हिंदुओं का नया संवत्सर 2078 नया साल भी शुरू होगा, लेकिन इस संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों मंगल है. और मंगल के कारक देव सदैव श्रीराम भक्त हनुमान जी माने गए हैं.
यह संवत्सर मंगल के प्रभाव में रहेगा, वहीं इसके कारक श्री राम भक्त हनुमान हैं, ऐसे में इस संवत्सर में श्रीराम की पूजा का अन्य फल मिलेगा.
वहीं यह भी माना जाता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि में राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना, रामायण, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान कवच एक मुखी पंच मुखी कवच हैं, माँ दुर्गा कवच उन्हें मां दुर्गा और श्रीराम की विशेष कृपा मिलती है. सभी मनोकामना पुरी होगी
साधक एवं साधिका के लिए नवरात्रि विशेष फलदायी होते हैं:-
ॐ नमो आदेश ,आदेश, आदेश शिव गुरु:-
साधक एवं साधिका जो साधना किसी देवी देवता की सिद्धि यंत्र, तंत्र, मंत्र, की करते है नवरात्रि में उनको थोड़े समय में जल्दी सिद्धि प्राप्त हो जाती है इसी प्रकार गुरु की सानिध्य में रहकर अपनी साधना, सिद्वि करे माँ भगवती सभी मनोरथ शीघ्र पूर्ण करती है श्रद्धा और विश्वास से करे सभी साधकों को:- जय बाबा काशी विश्वनाथ जी की:-
यह मंत्र समस्त संकटों का शमन करने वाला तथा ऋद्धि-सिद्धि देने वाला माना गया है.
'ॐ नम: शिवाय', 'ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:. ' यह मंत्र एक-साथ कई कार्य करता है. हनुमान जी के मंत्रों में उग्र स्वभाव हो जाता है शिव और श्री राम जी के मंत्र के साथ में ये शीतल सभाव में कार्य करेगा स्त्रियां भी जप कर सकती हैं.
दुर्गा सप्तशती:-
दुर्गा सप्तशती का पाठ सुख शांति, समृद्धि, धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति ,व्यापार वृद्धि और हर मनोकामना में सफलता प्राप्ति है.
और नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान दुर्गा सप्तशती के पाठ को करना, सबसे अधिक शुभ कार्य माना जाता है.
ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः. मंत्र का फल – सभी प्रकार की सिद्धियों के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.
संतान प्राप्ति के लिए:- पहले नवरात्रि से जोडे़ सहित माँ भगवती को हर रोज दूध से. स्नान कराएं और मिठाई मे पेडा व फल में अनार का भोग लगाएं और साथ मे भैरव बाबा और हनुमान जी की पुजा करे ओर भोग लगाये 1 पानी वाला नारियल अपनी मनोकामना बोल कर अपने घर के मंदिर में रखे हर रोज पुरे नवरात्रि पूजा करे बाद में अपनी मनोकामना बोल कर माँ भगवती के मंदिर जा कर लाल चूनरी और 16 श्रृंगार सहित माता के चरणों में अर्पित करें या फिर संतान प्रप्ति के मंत्र से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाएं आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी लेकिन मनोकामना पहले नवरात्रि से आखिर तक एक ही रखनी है अलग अलग नहीं.
नौकरी से संबंधी उपाय:- यदि नौकरी
या परमोसन संबंधित कार्य में कोई अड़चनें आ रही है तो नवरात्रि मे माँ भगवती ओर हनुमान जी को भोग लगाएं फिर छोटी कन्या ओर छोटे बच्चों में पुरे पुरे नवरात्रि में मिठाई, चॉकलेट ,बांटे और काले कुत्ते दूध पिलाऐ और भरो बाबा और का भी मंदिर जाकर आशीर्वाद ले प्रसाद बाँटे आपकी नौकरी संबंधित परेशानी अवश्य दुर होगी ये कार्य सद्वा से करेगा जल्दी काम बनेगा
विवाद में आ रही अड़चनें और बाधाएं कैसे करे दूर नवरात्र में करें उपाय:-
लड़की के विवाह में आ रही बाधाएँ के लिए पुरे नवरात्र लड़की को माँ गौरी का पूजन करना चाहिए और माँ को लाल चुनरी सहित 16 श्रृंगार अर्पण करे या फिर पति प्राप्ति के लिये मन्त्र:-
कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि !
नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:.
मंत्र से दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से करवाऐ माता से प्रार्थना करें हे माँ मै आपकी शरण में आ गयी मुझे शीघ्र अति शीघ्र सौभाग्य की प्राप्ति हो और मेरी मनोकामना शीघ्र पुरी हो
लड़के के विवाह में आ रही बाधाएं दूर करने के उपाय:-
लड़के ने नवरात्र के समय माँ दुर्गा का सोढस उपचार पूजन करे और पुजा में मिठाई पेडा और फल में माता को अनार अर्पण करे या फिर पत्नी प्राप्ति के मत्रं:-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्.
तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥
से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से कराएं आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी
राजनीति में सफलता के लिए बना हुआ नवरात्रि में राजयोग
क्या करे उपाय:-
राजनीति करने वाले के लिए ईस बार नवरात्रि में काफी अच्छा राजयोग प्रंचड़ बना हुआ है राजनीति करने मां भगवती के तीनों रूप व माँ पीताम्बरा (बगलामुखी) पुजा पुरे नवरात्रि को रात के समय करनी चाहिए विजय प्राप्ति के लिए माँ भगवती विजय प्राप्ति मत्रं से दुर्गा सप्तशती से संपुटित सच चंडी पाठ व माँ पितामबरा का सवा लक्ष जप रात के समय करवाये और माँ भगवती को मिठाई, फल,पंचमेवा भोग लगाऐ पुजा के समय विजय प्राप्ति यत्रं व माँ बगलामुखी यत्रं अवश्य रखे ओर 11 हनुमान कवच के पाठ भी साथ करवाएं हनुमान जी को लाल फल का भोग, लड्डू का भोग और हर रोज नवरात्रि में 9 कन्या को जो 9 साल से छोटी हो फल मिठाई व दक्षिणा देवे और कन्याओं के पावं छु कर आशीर्वाद लेने राजनीति में सफलता अवश्य प्राप्त होगी
धन प्राप्ति में रुकावट को दुर करने के लिए नवरात्रि में कया करे उपाय:-
सबसे पहले माँ लक्ष्मी यंत्र ,श्री यंत्र और कुबेर यंत्र माँ लक्ष्मी या दुर्गा की मूर्ति को हर रोज पुरे नवरात्रि माँ लक्ष्मी का दुध, अनार का रस, या गन्ने के रस से श्री सूक्त के या लक्ष्मी सूक्त से 11,21,31,51,108, पाठ से अभिषेक करे और माँ लक्ष्मी को पेडा, अनार ओर पंचमेवा का भोग लगाऐ पहले प्रसाद छोटी कन्या को बांटे फिर खुद ग्रहण करे और हर रोज रात्रि मे कमल के फुल, कमलगट्टे ,हवन सामग्री लाल चंदन ,और खीर से श्री सूक्त के 11 पाठ से हर रोज पुर
श्रीमद् देवी भागवत व देवी ग्रंथों के अनुसार इस तरह के संयोग का बहुत ही महत्व है नवरात्रि के समय ऐसे योगो का दोगुना फल मिलता हैं. इसलिए यह नवरात्र देवी साधकों के लिए खास होते हैं.
दुर्गा सप्तशती:-
दुर्गा सप्तशती का पाठ सुख शांति, समृद्धि, धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति ,व्यापार वृद्धि और हर मनोकामना में सफलता प्राप्ति है, और नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान दुर्गा सप्तशती के पाठ को करना, सबसे अधिक शुभ कार्य माना जाता है.
पढाई में कमजोर बच्चो के लिए नवरात्रि में उपाय:-
बच्चो को नवरात्रि माँ सरस्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए
ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्. मंत्र का फल:- इस मंत्र के जाप से विद्या की प्राप्ति में सफलता मिलती है
माँ सरस्वती स्तोत्र का हर रोज सुबह पाठ करे और माँ सरस्वती से प्रार्थना करें मेरे कंठ में वास करो और मुझे सदबुधि की प्राप्ति हो मै आपकी शरण में आ गया और माँ सरस्वती को हर रोज पुरे नवरात्रि में दुध, पेडा, शहद, पंचमेवा का भोग लगाएं और नीले पुष्प या पुष्प माला माँ सरस्वती को अर्पण करे पहले प्रसाद छोटी कन्या को बांटे और ऊन के पांव छूकर आशीर्वाद ले फिर खुद भी प्रसाद ग्रहण करे अवश्य आपको सफलता मिलेगी
धन प्राप्ति में रुकावट को दुर करने के लिए नवरात्रि में करे यह उपाय:-
सबसे पहले माँ लक्ष्मी यंत्र ,श्री यंत्र ओर कुबेर यंत्र माँ लक्ष्मी या दुर्गा की मूर्ति को हर रोज पुरे नवरात्रि माँ लक्ष्मी का दुध, अनार का रस, या गनने के रस से श्री सूक्त के या लक्ष्मी सूक्त से 11,21,31,51,108, पाठ से अभिषेक करे और माँ लक्ष्मी को पेडा, अनार और पंचमेवा का भोग लगाऐ पहले प्रसाद छोटी कन्या को बांटे फिर खुद ग्रहण करें और हर रोज रात्रि मे कमल के फुल, कमल गटटे ,हवन सामग्री लाल चंदन ,और खीर से श्री सूक्त के 11 पाठ से हर रोज पुरे नवरात्रि हवन करे या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाये इस बार नवरात्रि में प्रचंड लक्ष्मी योग बना हुआ है यह कार्य श्रद्धा और विश्वास से करे सफलता अवश्य प्राप्त होगी..
व्यापार में आ रही बार बार बाधाएं और सफलता को कैसे करे दूर:-
किसी ने व्यापारिक स्थान को बंधवा दिया या किसी प्रकार की भूत प्रेत बाधा दोष या नजर टोना टोटका सभी प्रकार के बधंन से मुकित के लिए नवरात्रि ऐसी प्रकार की बाधाएँ को दूर करने के लिए कारगर उपाय कयोक नवरात्रि में व्यापारिक स्थान पर माँ दुर्गा सप्तशती का बीज मंत्र या वैदिक मंत्र:-
सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि.
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम् |
से संपुटित पाठ करवाएं या हर रोज. पुरे नवरात्रि माँ भगवती के बीज मत्रं या उपर दिये मत्रं की 11 माला से हवन करे या करवाएं हवन शाम के समय या रात्रि में करवाऐं हवन के लिए साम्राज्ञी के लिए विशेष वस्तु का प्रयोग करें ओर पुरे नवरात्रि होने के बाद 9 कन्या को भोजन करवाऐ ओर दक्षिण दे व्यापार में दिन दुगनी रात चौगनी तरकी ये एक सटीक उपाय है. क्यो की नवरात्रि रहस्य है जो सफल अवश्य मिलेगी:-
किसी भी प्रकार की ज्योतिषीय सलाह के लिए आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें:- 9131366453
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाशिवरात्रि एवं शिव नवरात्रि महोत्सव 2021
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