जबलपुर. गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन समाप्त होने और पांच मौतों के बाद जिला प्रशासन विपक्षी दल कांग्रेस के निशाने पर आ गया है. शहर के तीनों कांग्रेस विधायक पहले गैलेक्सी हॉस्पिटल पहुंचे, फिर कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. जिला प्रशासन को 100 टैंकर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए एक कंपनी से बात कराई और आश्वस्त किया कि उसका भुगतान वे करेंगे. वहीं विधायकों ने दो टूक अल्टीमेटम दिया है कि इस घटना के जिम्मेदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए. मौत पर पर्दा अब बर्दाश्त नहीं करेंगे.
कांग्रेस के तीनों विधायक पूर्व मंत्री तरुण भनोत, लखन घनघोरिया, और विनय सक्सेना ने कहा कि कोविड संक्रमितों के लिए दो हजार बेड का एक बड़ा अस्थाई अस्पताल तैयार करो. जहां 24 घंटे संक्रमितों को भर्ती कर इलाज किया जा सके. अब इलाज के नाम पर तमाशा बंद होना चाहिए. कलेक्टर को दो दिन के अंदर शहर भर के निजी अस्पताल संचालकों की बैठक बुलाने के लिए कहा है.
तीनों विधायक गैलेक्सी हॉस्पिटल पहुंचे. वहां एसडीएम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में नाराजगी जताई. बोले कि अस्पताल कितने बेड का स्वीकृत है. कुल कितने मरीज भर्ती थे. आखिर अस्पताल प्रबंधन कैसे इतना लापरवाह हो सकता है. मरीजों को तड़पता छोड़ डॉक्टर स्टाफ भाग निकले. ऐसे अस्पतालों को प्रशासन ने कैसे कोविड केयर यूनिट की अनुमति दे रखी है, जहां ऑक्सीजन का बैकअप तक नहीं रखा जाता है. एक तरफ निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमाने तरीके से पैसे ले रहे हैं तो सुविधाएं सुविधाएं भी उपलब्ध कराएं.
पोर्च में बैठकर करते रहे कलेक्टर का इंतजार
तीनों विधायक यहां से सीधे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. कलेक्टर नहीं थे. गेट पर ताला लगा था. तीनों विधायक पोर्च में ही बैठ गए. लगभग घंटे भर बाद वहां कलेक्टर कर्मवीर शर्मा पहुंचे. उन्होंने ऑक्सीजन कमी का बहाना बनाया. तीनों विधायकों ने मौके पर ही एक ऑक्सीजन प्लांट संचालक से बात कराई. 100 टैंकर का ऑर्डर करने और पैसे उनसे लेने का प्रस्ताव दिया.
निजी अस्पतालों में एयर सेपरेशन यूनिट लगवाने की दी सलाह
तीनों विधायकों ने कलेक्टर से दो दिन में शहर के सभी निजी अस्पताल संचालकों और सभी जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाने की सलाह दी. बोले कि निजी अस्पताल संचालकों से दो टूक बोला जाए कि वे अपने यहां एयर सेपरेशन यूनिट लगवाएं. वहीं अस्पतालों में देखा जाए कि कहां कितने बेड और संसाधन हैं.
दो हजार बेड का एक बड़ा कोविड सेंटर बनाए
तीनों विधायकों ने कहा कि इंदौर में 600 बेड का बड़ा अस्पताल बनाया जा सकता है तो यहां क्यों नहीं. दो हजार बेड क्षमता का एक या दो अस्थाई अस्पताल बनाया जाए. जहां संक्रमितों का समुचित अस्पताल हो पाए. यहां ऑक्सीजन से लेकर सभी तरह की सुविधा हो. अभी समय विपरीत है. लगातार संक्रमित सामने आ रहे हैं. विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि अभी तक प्रशासन सिर्फ झूठ बोल कर मौत पर पर्दा डाल रहा है. अब ये बंद होना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एर्नाकुलम-पटना-एर्नाकुलम व्हाया जबलपुर ट्रेन अब 24 अप्रैल से चलेगी
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