न्यूज-व्यूज. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. यह चुनाव मोदी टीम ने सारी सियासी नैतिकताओं को नजरअंदाज करके लड़ा है, लिहाजा सबसे बड़ा प्रश्न तो यही है कि- क्या सीएम ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल विधानसभा की सियासी महाभारत में अभिमन्यु साबित होंगी?
यदि कोई चमत्कार नहीं होता है तो....
एक- ममता बनर्जी पिछली बार जितनी सीटें तो हासिल नहीं कर पाएंगी, लेकिन बहुमत प्राप्त करेंगी और फिर से मुख्यमंत्री बनेंगी. यदि ऐसा हुआ तो यह पीएम मोदी के लिए तगड़ा सियासी झटका होगा, क्योंकि कोरोना संकट के दौरान की लापरवाहियों, किसान आंदोलन आदि के कारण उनकी पाॅलिटिकल इमेज को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. यही नहीं, टीएमसी की ओर से अकेली ममता थी, जबकि बीजेपी की ओर से पीएम मोदी के अलावा एक दर्जन से ज्यादा मंत्री, मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार में लगे थे. ऐसी स्थिति में बीजेपी हार जाती है तो यह बेहद शर्मनाक होगा.
दो- कोई चमत्कार हो जाए और बीजेपी बहुमत हासिल कर ले, जिसकी कुछ खास संभावना नहीं है, लेकिन ऐसा होता है तो पीएम मोदी की लड़खड़ाती राजनीतिक छवि को बड़ा सहारा मिलेगा.
तीन- किसी भी दल को बहुमत नहीं मिले, यदि ऐसा होता है, तो वाम-कांग्रेस गठबंधन टीएमसी को साथ देगा, किन्तु मोदी टीम भी सियासी जोड़तोड़ की कोशिश तो करेगी ही, कामयाबी कितनी मिलेगी? यह कहना मुश्किल है!
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