कोलकाता. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान हो रहा है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आठवें और अंतिम चरण के तहत राज्य की 35 सीटों पर जारी मतदान के बीच बमबाजी की घटना सामने आई है। बंगाल में तीन जगहों पर बमबाजी हुई है। नॉर्थ कोलकाता, रबींद्र सारणी और बिधान सारणी में बम फेंके गए हैं। हालांकि, इस घटना में अब तक किसी के हतहात होने की खबर नहीं है। तीनों घटनास्थल पर सुरक्षाबलों की मौजूदगी है और चुनाव आयोग ने इन घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है।
बमबाजी की घटनाओं पर बंगाल में जोरासांको सीट से भाजपा उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने बम फेंके हैं। उन्होंने कहा, वोटरों और मुझे डराने के लिए बम फेंके गए। टीएमसी डर गई है, इसलिए वह बम फेंक रही है। हालांकि, भाजपा के आरोपों पर टीएमसी कैंडिडेट विवेक गुप्ता ने जवाब दिया और कहा कि वे (भाजपा) हारने से डरते हैं और इसलिए ऐसी रणनीति का सहारा ले रहे हैं। इसका कोई असर नहीं होगा और वे हारेंगे ही।
बमबाजी की इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। हालांकि, तनाव को कम करने के लिए पुलिस बलों की तैनाती की गई है। कुछ घरों मे पुलिस छापमारी भी कर रही है, जिनमें एक पांच मंजिला मकान भी शामिल है। फिलहाल, मामले की जांच जारी है।
बता दें कि बंगाल में जारी वोटिंग के बीच अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। निर्वाचन आयोग ने हालांकि सुरक्षा के सभी इंतजाम किए है लेकिन इसके बावजूद संक्रमण फैलने की चिंता बनी हुई हैं। राज्य में बुधवार को एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 17,207 मामले दर्ज किए गए जबकि 77 और लोगों ने दम तोड़ दिया।
इस चरण में 84 लाख से ज्यादा मतदाता विधानसभा की 35 सीटों पर 283 से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। पूर्व के चरणों में हुई हिंसा, खासकर चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार में पांच लोगों की मौत के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिये केंद्रीय बलों की कम से कम 641 कंपनियों की तैनाती की गई है 224 कंपनियां सिर्फ बीरभूम जिले में तैनात की गई हैं।
मुर्शिदाबाद और बीरभूम की 11-11 विधानसभा सीटों, मालदा की छह और कोलकाता की सात विधानसभा सीटों के लिये 11860 मतदान केंद्र पर मत डाले जा रहे हैं। सभी निगाहें तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल पर हैं जो निर्वाचन आयोग की कड़ी निगरानी में हैं। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि मंडल को शुक्रवार शाम सात बजे तक निगरानी में रखा गया है क्योंकि राज्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता को 2019 के लोकसभा चुनावों और 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी ऐसी ही निगरानी में रखा गया था।
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