हिमाचल हाईकोर्ट की छेडख़ानी मामले में टिप्पणी, कहा- कुछ पुरुष नहीं समझते कि ना का मतलब नहीं होता है

हिमाचल हाईकोर्ट की छेडख़ानी मामले में टिप्पणी, कहा- कुछ पुरुष नहीं समझते कि ना का मतलब नहीं होता है

प्रेषित समय :15:10:00 PM / Sat, May 8th, 2021

शिमला. न का मतलब नहीं ही होता है. मगर सबसे सरल वाक्य कुछ पुरुषों के लिए समझना मुश्किल है. न का मतलब हां नहीं है. इसका मतलब यह नहीं है कि लड़की शर्मीली है. इसका मतलब यह नहीं है कि लड़की एक आदमी को कह रही है कि वह उसे राजी करे. इसका मतलब यह नहीं है कि वह उसका पीछा करना जारी रखे. 17 साल की लड़की के साथ बदसलूकी करने के आरोपित की जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने कहा कि न शब्द को किसी और स्पष्टीकरण या औचित्य की आवश्यकता नहीं है. यह वहां समाप्त होता है, जहां आदमी को रोकना होता है.

बस का इंतजार कर रही थी पीडि़ता

अदालत ने कहा कि पीडि़ता के अनुसार न कहने के बावजूद आरोपित ने उसको छूना जारी रखा. अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 दिसंबर, 2020 को पीडि़ता राजगढ़ बस अड्डे (जिला सिरमौर) पर बस का इंतजार कर रही थी तो आरोपित जो उसका दोस्त था, अपनी जीप में पहुंचा और पीडि़ता को घर छोडऩे की बात कही.

लड़की ने छूने से न कहा, मगर असर नहीं हुआ

पीडि़ता जीप में बैठ गई, लेकिन आरोपित सही रास्ते के बजाय किसी अन्य रास्ते में चक्कर लगाने लगा. पीडि़ता के पूछने पर उसने कहा कि वह आगे यू-टर्न ले लेगा और उसे उसके घर छोड़ देगा. हालांकि उसने ऐसा नहीं किया. जीप को एकांत जगह पर ले गया और अनुचित रूप से पीडि़ता को छूना शुरू कर दिया. लड़की ने छूने से न कहा. मगर उस पर इसका असर नहीं हुआ. फिर आरोपित ने पीडि़ता से पूछा कि क्या वह उससे शादी करेगी. लड़की ने उसे शादी के लिए न कहा. उसके बाद उसने बदसलूकी की. इन आरोपों के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व पोक्सो एक्ट के प्रविधानों के तहत राजगढ़ पुलिस स्टेशन में 17 दिसंबर, 2020 को मामला दर्ज किया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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