पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा की गिरफ्तारी के बाद अब उनके बेटे हरकरण सिंह की तलाश में एसआईटी की टीम जुट गई है. हरकरण को पकडऩे के लिए पुलिस की टीमें जगह जगह दबिश दे रही है, हालांकि हरकरण सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर ही है.
बताया जाता है कि नकली रेमडेसिविर मामले में आरोपी देवेश चौरसिया व प्रखर कोहली ने पुलिस को पूछताछ में सरबजीतसिंह मोखा के बेटे हरकरणसिंह का नाम लिया, इसके बाद से ही पुलिस की टीम तलाश में जुट गई, पुलिस की टीम ने मोखा के घर सहित तीन स्थानों पर दबिश देकर तलाश की लेकिन हरकरण सिंह का पता नहीं चल सका, यहां तक कि मोखा के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को पूछताछ में सहयोग नहीं किया, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सरबजीतसिंह मोखा के बेटे हरकरण की भूमिका सामने आ रही है, उसका इंदौर से लेकर सूरत तक नाम सामने आया है, खबर यह भी है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिलीवरी के वक्त हरकरण स्वयं ही रहा, जिसकी देखरेख में सारा खेल चल रहा था, हरकरण के पकड़े जाने से और भी कई मामलों से पर्दा उठेगा, जिसके चलते पुलिस द्वारा हरकरण को पकडऩे के लिए संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है.
पुलिस ने हरकरण के दोस्तों से लेकर रिश्तेदारों तक के घर जाकर पूछताछ की है, वहीं दूसरी ओर पुलिस की टीम ने अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री व कर्मचारी अभिषेक चक्रवर्ती से भी पूछताछ की है, जिसमें यह जानकारी एकत्र की जा रही है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कब से आना शुरु हुए है, इंजेक्शनों का भुगतान नगद हुआ है या बैंक द्वारा किया गया है, पुलिस इस बात के रिकार्ड भी खंगाल रही है कि अभी यहां पर कोरोना के कितने मरीज भरती हुए है, किसको कितने इंजेक्शन लगाए गए, इसके अलावा एसआईटी उन सभी मरीजों के घर तक पहुंचकर पूछताछ कर रही है जिन्होने सिटी अस्पताल में भरती होकर अपना इलाज कराया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत सिंह मोखा गिरफ्तार
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