इंदौर. मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन को आवश्यक दवा माना जा रहा है. इंजेक्शन की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस और ड्रग डिपार्टमेंट ने कार्रवाई कर कई जगहों से सैकड़ों इंजेक्शन जब्त किए हैं. जब्त इंजेक्शन मरीजों तक पहुंचाने के लिए लगाई पिटीशन में हाईकोर्ट ने अहम फैसला लेते हुए आदेश पारित किया है. इंदौर के याचिकाकर्ता अधिवक्ता आशुतोष शर्मा द्वारा ऑनलाइन प्रोसेस के माध्यम से जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित मुद्दे को लेकर पिटीशन लगाई गई थी.
अधिवक्ता ने बताया गया कि हाई कोर्ट ने शासन को आदेश दिए थे कि प्रदेश के सभी जिलों में कालाबाजारी चोरी सहित अन्य मामलों में जब रेमडेसिविर इंजेक्शन खराब नहीं होना चाहिए. इन्हें जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने की आवश्यकता है. जिले के सीएमएचओ न्यायिक प्रक्रिया के तहत इन इंजेक्शनों को अपने सुपुर्द लें और फिर इनकी असली-नकली की पहचान कर मरीजों को उपलब्ध कराई जाए.
क्या रहेंगी प्रक्रिया
इस संबंध में जो पुलिस के आला अधिकारियों से बात हुई तो उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश के बाद सभी इंजेक्शन को बेंगलुरु सैंपल के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद यह सभी इंजेक्शन कोर्ट के सुपुर्द कर दिए जाएंगे. लेकिन प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता. वर्तमान में इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले जितने भी प्रकरण हैं उनमें असली इंजेक्शन बहुत कम हैं. लेकिन हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए पूरा किया जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इंदौर के एमवाय अस्पताल में हद दर्जे की लापरवाही, चूहों ने कुतर दी नवजात का अंगूठा और उंगली
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