पलपल संवाददाता, जबलपुर. आज पूरा देश कोरोना संक्रमण की भीषण त्रासदी से गुजर रहा है, अस्पतालों में बेड नहीं है बेड है तो आक्सीजन नहीं, आक्सीजन मिल गया तो दवाएं नहीं है, सैकड़ों लोग इलाज के अभाव में मौत की आगोश में जा रहे है, ऐसे में कोरोना संक्रमितों के लिए संजीवनी बनकर सामने आए है, जबलपुर के समाज सेवी व भाजपा नेता टिंकल शाह व डाक्टर अरविंद साहू, यह जोड़ी आज जबलपुर ही नहीं बल्कि पूरे महाकौशल क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है, जिन्होने सैकड़ों कोरोना संक्रमितों व अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीजों तक इलाज पहुंचाया है. वहीं दर्जनो गंभीर मरीजों की जान बचाई है.
एक ओर डाक्टर अरविंद साहू कोरोना संक्रमित मरीजों को चिकित्सीय परामर्श देते है उनका उपचार करते है तो दूसरी ओर टिंकल उर्फ दुर्गेश शाह द्वारा ऐसे कोरोना संक्रमितों के इलाज का खर्च उठाते है जो आर्थिक रुप से कमजोर है, पूरे सेवा और समर्पण के भाव से पीडि़त मानवता की सेवा में जुटी डाक्टर अरविंद साहू व टिंकल शाह की जोड़ी पूरे महाकौशल क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है, टिंकल शाह के सेवा व समर्पण के इस जज्बे को कोरोना काल से ही नहीं बल्कि हर ऐसे वक्त में समाज की सेवा में खड़े देखा जा सकता है, कोरोना संकटकाल में जब हर तरफ अफरातफरी का माहौल रहा, उस वक्त टिंकल शाह ने हर जरुरतमंद की मदद करके एक अतुलनीय मिसाल पेश की, ट्रेनों से अपने घरों को जा रहे श्रमिकों को भोजन, पानी, मास्क, सेनेटाइजर उपलब्ध कराए, स्वयं के खर्च से वाहन उपलब्ध कराते हुए श्रमिक ों को उनके घर तक पहुंचाया, करीब 6 माह से ज्यादा समय तक शहर में जरुरतमंदों को राशन का वितरण किया, उपचार के लिए अस्पताल तक पहुंचाया, ऐसे अनेक सेवा के कार्य करते हुए टिंकल शाह ने एक मिसाल पेश की, कोरोना की दूसरी लहर में भी टिंकल शाह पीछे नहीं रहे, उन्होने फिर एक बार पीडि़त मानवता की सेवा में अपने कदम आगे बढ़ाए, जरुरतमंदो को उनके घर तक दवाएं पहुंचाई, अस्पताल में भरती कराया, आक्सीजन से लेकर जरुरत की दवाएं तक उपलब्ध कराई.
डिजिटल तकनीक से पहुंचा रहे इलाज-
सेव कार्यो में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन ना हो और सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे. इसके लिये डिजिटल तकनीक का सहारा लिया जाता है. जब कोई मरीज दुर्गेश शाह से संपर्क करता है तो वे उसको सीधे वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग एवं वाट्सअप आदि डिजिटल माध्यम से डॉक्टर अरविंद साहू से मिलवाते हैं. जहां डॉक्टर साहू मरीज की स्थिति देखते हैं और उसे चिकित्सीय परामर्श देते हैं और आवश्यता होने पर दवाएं लिखते हैं. यदि मरीज दवा खरीदने की स्थिति में नहीं होता. तो दुर्गेश शाह की टीम उस मरीज के घर तक उस दवा को पहुंचाती है.
मिल चुका है राज्य स्तरीय सम्मान-
विक्टोरिया अस्पताल में वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉक्टर अरविंद साहू अस्पताल की ओपीडी भी संभालते हैं. बीते साल उनके कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें सुखसागर कोविड केयर सेंटर का नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. यह अपने आपमें एक रिकार्ड रहा की जबतक डॉ साहू इस अस्पताल के जिम्मेदार रहे यहां किसी मरीज की मौत नहीं हुई. कोरोना काल में डाक्टर साहू की सेवाओं से प्रभावित होकर उन्हें प्रदेश शासन में प्रिन्सपल सेक्रेटरी फैज अहमद द्वारा प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया था. इस बार भी जब से कोरोना का कहर शुरू है तब से डॉ साहू की सेवाएं निरंतर जारी हैं. बीते एक साल में सैंकड़ों मरीजों की उन्होंने निशुल्क और निस्वार्थ सेवा की.
सोनू सूद के नाम से प्रसिध्द हैं दुर्गेश शाह-
बीते साल दुर्गश शाह के लॉकडाउन के दौरान किये गये सेवा कार्यों की चर्चा पूरे मध्य प्रदेश में हुई थी. दुर्गेश शाह उर्फ टिंकल बीते साल जबलपुर में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के लिये मसीहा बनकर सामने आए थे. उन्होंने करीब एक सैंकड़ा प्रवासी मजदूरों को अपने निजी खर्च पर उनके घर तक पहुंचाया था. इसके अलावा करीब 10 हजार परिवारों के लिये राशन की व्यवस्था भी की थी. इसलिये दुर्गेश को उनके चाहने जबलपुर का सोनू सूद भी कहते हैं. इस साल कोरोना की दूसरी वेव में दुर्गेश कोरोना मरीजों को इलाजए दवाओं आदि से जुड़ी हर संभव मदद पहुचाने में जुटे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में हाईवा से टकराए ट्रक के परखच्चे उड़े, एक की मौत
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