धनबाद. झारखंड के धनबाद जिले में निरसा के प्रखंड विकास अधिकारी के एक आदेश से सरकारी प्राथमिक शिक्षक नाराज हैं, क्योंकि बीडीओ ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में इन शिक्षकों की बिना किसी सुरक्षा के दाह संस्कार घाटों और कब्रिस्तान पर ड्यूटी लगा दी है और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोरोना से मरने वाले किसी भी व्यक्ति का शव अंतिम संस्कार स्थल आने पर उसका अंतिम संस्कार सरकारी व्यय पर किया जाये.
निरसा के बीडीओ विकास राय के इस आदेश के बाद धनबाद के सरकारी विद्यालयों के प्राथमिक शिक्षकों में नाराजगी है और उन्होंने इस आदेश का यह कह कर विरोध किया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम एवं इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत प्राथमिक शिक्षकों से शिक्षा के अतिरिक्त कोई अन्य काय नहीं लिया जा सकता है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि इस तरह की ड्यूटी पर भेजने से उनका शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, क्योंकि विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण का कार्य जारी है. इसके अलावा अध्यापकों और उनके संघ के नेताओं ने सरकार पर इस तरह से जीवन को खतरे में डालने वाली ड्यूटी के लिए उनकी सुरक्षा का कोई प्रबंध न करने के भी आरोप लगाए हैं.
उन्होंने कहा कि यदि सरकार को उनसे इस तरह की कोरोना ड्यूटी करानी ही है तो कम से कम उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा देकर उन्हें पचास लाख रुपये के बीमा की सुरक्षा तो दी जाये. राज्य प्राथमिक अध्यापक संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र चौबे ने मांग की है कि राज्य सरकार या तो अध्यापकों को कोरोना ड्यूटी से हटाये या उन्हें अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा का दर्जा देकर चिकित्सकों की तरह सभी सुरक्षा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराये. झारखंड में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में धनबाद भी शामिल है, जहां कोरोना काल में अब तक लगभग 15 हजार लोग संक्रमित हुए हैं और कोरोना से कुल 356 लोगों की मौत हो चुकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार, बंगाल, झारखंड की 16 और ट्रेनें रद्द, जानें कौन कौन सी हैं ट्रेन शामिल
स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह के मूल वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देगी झारखंड सरकार
झारखंड की बेटी सीमा कुमारी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में करेगी पढ़ाई
छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा में नक्सलियों ने बिछा रखे हैं लैंड माइंस, संकट में दर्जनों गांव के लोग
Leave a Reply