स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, छूने से नहीं फैलता ब्लैक फंगस, जानें अन्य जानकारी भी

स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, छूने से नहीं फैलता ब्लैक फंगस, जानें अन्य जानकारी भी

प्रेषित समय :20:17:00 PM / Mon, May 24th, 2021

नई दिल्ली. देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा करते हुए कहा है कि ब्लैक फंगल बीमारी छूने से नहीं फैलती है. इसके अलावा उन्होंने अन्य आंकड़े भी जारी किए. साथ ही कहा कि इम्यूनिटी की कमी ही ब्लैक फंगस का कारण है. ब्लैक फंगस और सफेद फंगस के बाद अब येलो फंगस का पहला मरीज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सामने आया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विदेशी कोविड राहत सामग्री को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तुरंत वितरित किया जा रहा है. पिछले 22 दिनों से देश में सक्रिय मामलों की संख्या में कमी देखी जा रही है. 3 मई के समय देश में 17.13 फीसदी सक्रिय मामलों की संख्या थी अब यह घटकर 10.17 फीसदी रह गई है. पिछले 2 हफ्तों में सक्रिय मामलों की संख्या में करीब 10 लाख की कमी देखी गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि ब्लैक फंगस संक्रामक बीमारी नहीं है. इम्यूनिटी की कमी ही ब्लैक फंगस का कारण है. एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि एक ही फंगस को अलग-अलग रंगों के नाम से अलग पहचान देने का कोई अर्थ नहीं है. ये संक्रमण यानी छुआछूत कोरोना की की तरह नहीं फैलता है.

आगे जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 2 लाख से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए. 40 दिन के बाद यह अब तक के सबसे कम मामले दर्ज किए गए हैं. जिला स्तर पर भी कोरोना के मामलों में कमी आ रही है.

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने जानकारी देते हुए कहा कि हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा कि बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है. इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि आगे जाकर कोविड की तीसरी लहर में बच्चों में कोविड संक्रमण देखा जाएगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक ही फंगस को अलग-अलग रंगों के नाम से अलग पहचान देने का कोई अर्थ नहीं है ये संक्रमण यानी छुआछूत कोरोना की तरह नहीं फैलता है. उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का ध्यान रखे. उबला पानी पिएं. नाक के अंदर दर्द-परेशानी, गले में दर्द, चेहरे पर संवेदना कम हो जाना, पेट में दर्द होना इसके लक्षण हैं. रंग के बजाय लक्षणों पर ध्यान दें. इलाज जल्दी हो तो फायदा और बचाव जल्दी व निश्चित होता है.

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