पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित सिटी अस्पताल में मरीजों को लगाए गए नकली रेमडेसिविर मामले में एसआईटी को जांच में नए नए खुलासे हो रहे है. जिसमें यह जानकारी लगी है कि सिटी अस्पताल में कोरोना संक्रमण से पीडि़त मरीज दमोह, सागर, सिवनी व छिंदवाड़ा से आकर भरती हुए है, यहां के पीडि़तों के बयान दर्ज करने के लिए दो टीमें इन शहरों के लिए रवाना हो गई है. इसके अलावा नकली इंजेक्शन के सौदागर राकेश शर्मा की कार को जब्त कर लिया गया है, जिसमें बैठकर राकेश शर्मा, सुनील मिश्रा व गुजरात के दोनों व्यापारियों के साथ सौदा हुआ था.
बताया जाता है कि एसआईटी को जांच में इस बात की जानकारी लगी कि सिटी अस्पताल में दमोह, सागर, सिवनी व छिंदवाड़ा के मरीज यहां पर भरती हुए है, क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि इन्हे भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए, अब टीम इन सभी लोगों से पूछताछ करेगी कि उन्हे इंजेक्शन लगने के बाद क्या तकलीफ हुई थी, कितना रुपया अस्पताल प्रबंधन ने लिया है. इधर एसआईटी ने राकेश शर्मा को पूछताछ के बाद आज जिला अस्पताल में जांच के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. अब एसआईटी द्वारा सपन का प्रोटेक्शन रिमांड लेकर पूछताछ करेगी, जिससे और भी महत्वपूर्ण खुलासे होगें. इस मामले में एसआईटी को सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा के बेटे हरकरणसिंह की तलाश है, जो अभी तक फरार चल रहा है, उसके पकड़े जाने के बाद और भी कई अह्म खुलासे होगें, हरकरण पुलिस से बचने के लिए इधर से उधर भाग रहा है, पुलिस की टीमें दिल्ली से लेकर अमृतसर तक तलाश कर रही है.
इंदौर के राकेश शर्मा की कार जब्त-
इधर जबलपुर में एसआईटी ने रीवा के सुनील मिश्रा व इंदौर के राकेश शर्मा को तिलवारा पुल पर ले जाकर 35 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन फेंकने का रिक्रिएशन कराया, यहां तक कि राकेश शर्मा की कार को भी जब्त कर लिया गया है, सुनील मिश्रा ने इंजेक्शन फेंकने को लेकर अलग अलग तारीखों का जिक्र किया, पहले 6 मई बताया लेकिन उसके मोबाइल का रुट लोकेशन निकाला गया तो 4 मई पता चला, बाद में सुनील मिश्रा ने यही तारीख बताई.
राकेश शर्मा की कार में बैठकर हुआ था सौदा-
एसआईटी ने राकेश शर्मा की उक्त कार को भी जब्त कर लिया है, जिसमें बैठकर सुनील मिश्रा, गुजरात के दोनों कारोबारियों ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का सौदा किया गया था.
जबलपुर में पकड़ा गया राकेश शर्मा इंदौर में एमआर रहा-
पुलिस अधिकारियों की माने तो राकेश शर्मा इंदौर में रहकर एमआर का काम करता रहा, जिसका वहां पर फ्लैट भी है, सपनी ने राकेश के जरिए ही गुजरात में नकली इंजेक्शन बनाने वाले फार्मा संचालक पुनीत शाह, कौशल बोहरा से 5 सौ नकली इंजेक्शन का सौदा किया था. इसमें सुनील मिश्रा भी शामिल रहा, सुनील भी दवा के कारोबार में लम्बे समय से जुड़ा है, पूरी बातचीत कार में बैठकर ही हई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर के सिटी अस्पताल में 18 हजार रुपए लेकर मरीज को लगाया जाता था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन..!
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