जबलपुर के सिटी अस्पताल में 18 हजार रुपए लेकर मरीज को लगाया जाता था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन..!

जबलपुर के सिटी अस्पताल में 18 हजार रुपए लेकर मरीज को लगाया जाता था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन..!

प्रेषित समय :18:31:00 PM / Sat, May 22nd, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में नेपियर टाउन स्थित सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा की मुश्किलें दिनों दिन और बढ़ रही है, एसआईटी को जांच में नए नए तथ्य मिल रहे है, जिसमें अब यह बात भी सामने आई है कि सिटी अस्पताल में भरती मरीजों को एक रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बदले में 15 से 18 हजार रुपए तक लिए जाते रहे, वह भी नकली. यहां भी कोरोना से पीडि़त भरती मरीज को 10 से 12 इंजेक्शन तक लगाए गए है. जांच में यह भी सामने आई है कि सिटी अस्पताल में करीब 171 मरीजों को 209 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए, जिनका मरीज के परिजनों से लाखों रुपए बिल वसूला गया है.

बताया गया है कि एसआईटी की टीम ने सिटी अस्पताल पहुंचकर दस्तावेजों की जांच करते हुए कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क से डाटा भी रिकवर किया है, जिससे कई अह्म जानकारियां हाथ लगी है, इसके अलावा सबसे अह्म बात यह भी सामने आई है कि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा के इशारे पर अस्पताल में भरती कोरोना संक्रमित मरीज को एक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाकर 18 हजार रुपए लेकर लगाया जाता रहा, अधिकतर मरीजों को 5 से 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाते रहे, इस तरह से एक लाख रुपए से ज्यादा एक मरीज से लिए जाते रहे. यहां तक कि इलाज के दौरान यहां पर 9 मरीजों की मौत भी हुई है, इन्हे भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे. हालांकि पुलिस अधिकारी लगाकर मोखा की गतिविधियों पर नजर रखे है, जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार को पत्र लिखकर उसकी कोरोना रिपोर्ट के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है, जैसे ही वह निगेटिव होगा, उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी.

कम्प्यूटर से उड़ा दिया गया डाटा-

एसआईटी को जांच में यह बात का भी पता चला है कि सरबजीतसिंह मोखा की गिरफ्तारी के बाद ही अस्पताल में कम्प्यूटर में की गई सारी एंट्री उड़ा दी गई, इन उड़ाई गई एंट्री को सायबर एक्सपर्ट की टीम रिकवर करेगी, जिससे और भी बड़े खुलासे होगें.

प्रतिदिन 25 हजार रुपए लिए जाते रहे कोरोना संक्रमित से-

खबर यह भी है कि कोरोना संक्रमण से भरती मरीज को सिटी अस्पताल में एक दिन का 25 हजार रुपए देना होता था, इसके अलावा दवाएं, इंजेक्शन, डाक्टर का विजिट, नर्सिंग चार्ज अलग होता था, एक मरीज यह दस दिन भरती हो जाता तो उसे 10 से 12 लाख रुपए का बिल भरना होता रहा.

इन्हे एक साथ बिठाकर की जाएगी पूछताछ-

सूत्रों की माने तो एसआईटी द्वारा मोखा को रिमांड पर लेने और प्रोटेक्शन वारंट पर आने वाले गुजरात के चारों आरोपी सपन जैन, नकली फार्मा कंपनी के मालिक कौशल वोहरा, पुनीत शाह, रीवा निवासी सुनील मिश्रा को आमने सामने बिठाकर पूछताछ करेगी, जिससे और भी अह्म जानकारियां हाथ लगेगी. पुलिस अधिकारी इस तैयारी में लगे है.

हरकरण की तलाश में अमृतसर तक पहुंची पुलिस-

इधर एसआईटी की एक टीम नकली रेमडेसिविर के सौदागर मोखा के बेटे हरकरणसिंह मोखा की तलाश में लगातार छापे मार रही है, पुलिस एक टीम दिल्ली से अमृतसर तक पहुंच गई है, जहां पर उनके रिश्तेदारों के घर तक दबिश दी जा रही है. हालांकि एसआईटी ने हरकरण का पासपोर्ट जब्त कर लिया है, ताकि वह विदेश न भाग पाए, इसके अलावा भी पुलिस की टीम हरकरण की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है.

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