रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया कि केन्द्र सरकार ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह दी थी. इसके बावजूद राज्य में लॉकडाउन लगाया गया और लोगों की जीवन रक्षा की गई. बता दें कि सीएम सोमवार को अपने आवासीय कार्यालय पर ऑनलाइन बैठक कर सभी मंत्रियों से कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, रोकथाम एवं नियंत्रण और आगे की रणनीति कैसी हो इससे संबंधित तैयारियों पर विचार विमर्श कर रहे थे.
मुख्यमंत्री सोरेन ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का अंदेशा केन्द्र सरकार को पहले से था, लेकिन देश में लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति रही. केन्द्र सरकार ने तो लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह दी थी, लेकिन अंततः राज्यों ने अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए लॉकडाउन लगाया जिससे बड़ी संख्या में आम लोगों की जान बचायी जा सकी. इसके साथ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 24 अप्रैल 2021 से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू करने का निर्णय लिया जो काफी प्रभावी और सकारात्मक साबित हो रहा है.
इसके अलावा सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड की 75 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. राज्य सरकार की चिंता जीवन और जीविका दोनों की रही है. यही कारण है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को तीन बार बढ़ाया गया किंतु प्रत्येक बार आम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णयों में फेरबदल किए गए. उन्होंने कहा, 'आज हम कह सकते हैं कि राज्य अच्छे निर्णयों के साथ आगे बढ़ रहा है और हम संक्रमण दर को 50 प्रतिशत से ज्यादा कम करने में सफल हुए हैं. राज्यवासियों को संक्रमण से बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है.’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड: दाह संस्कार घाटों और कब्रिस्तान में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से भारी आक्रोश
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