पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा से पुलिस कुछ खास नहीं उगलवा पाई है. पुलिस की सुई मोखा के मोबाइल फोन पर आकर अटक गई है क्योंकि अभी भी पुलिस को मोखा का मोबाइल फोन नहीं मिल पाया है. अब चर्चा तो यह भी कि नकली रेमडेसिविर मामले में मोखा के कुछ राजदार भी है जिनके बारे में मोखा ने अभी तक मुंह नहीं खोला है.
बताया जाता है कि पुलिस अधिकारियों ने जब मोखा को गिरफ्तार किया था तब उसका कहीं मोबाइल फोन गिर गया था, मोखा ने पुलिस को रिमांड में बस यही कहा है, हालांकि पुलिस की टीम मोखा को लेकर अस्पताल भी गई लेकिन मोखा का मोबाइल फोन नहीं मिल पाया है, इस मामले में एसआईटी के अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो देवेश चौरसिया के मोबाइल फोन से बहुत से डाटा तो कलेक्ट कर ही लिए गए है, इसके अलावा एसआईटी द्वारा अस्पताल के बिलों को भी बरामद कर लिया गया है, अधिकारियों का कहना है कि मोखा जिससे भी बात करता तो बातचीत को रिकार्ड कर लेता था, जिसके चलते मोबाइल को पाने की कोशिश की जा रही है.
पांच दिनों में पुलिस रिमांड में मोखा से एसआईटी द्वारा कई दौर की पूछताछ कर चुकी है. अधिकारियों का कहना है कि अब गुजरात में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में ही कुछ नए खुलासे हो सकते है. इसके अलावा देवेश, मैनेजर सोनिया खत्री, मोखा की पत्नी जसमीत, राकेश के छह मोबाइल का डिलीट हुआ डाटा रिकवर कराने भोपाल भेजा था. दो दिन में इसकी रिपोर्ट एसआईटी को मिल जाएगी. इसी के साथ ये भी पता चलेगा कि किसने पुलिस की पूछताछ में क्या क्या छिपाया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी में मौसम ने करवट बदली, भोपाल, सागर, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद में तेज बारिश, जबलपुर में बादल छाए
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