ब्रेस्‍ट से दूध नहीं आ रहा या हो रहा है दर्द, इस तरह करें मालिश

ब्रेस्‍ट से दूध नहीं आ रहा या हो रहा है दर्द, इस तरह करें मालिश

प्रेषित समय :12:43:31 PM / Tue, Jun 1st, 2021

जन्‍म के बाद शुरुआती महीनों में शिशु के पोषण का आधार सिर्फ मां का दूध ही होता है। बच्‍चे के विकास के लिए जरूरी सभी पोषक तत्‍व ब्रेस्‍ट मिल्‍क से ही मिल जाते हैं और 6 महीने तक मां का दूध ही पीता है। स्‍तनपान से मां और शिशु के बीच स्‍नेह भी बढ़ता है। वहीं कुछ महिलाओं को ब्रेस्‍ट में दूध कम आने की समस्‍या भी हो जाती है। इस वजह से शिशु का पेट नहीं भर पाता है और उसका विकास प्रभावित होने लगता है।

ब्रेस्‍टफीडिंग मदर्स को ब्रेस्‍ट में दर्द भी परेशान करता है। इस तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ तरीके भी मौजूद हैं जिनमें से एक लैक्‍टेशन मसाज है।

क्‍या है लैक्‍टेशन मसाज

लैक्‍टेशन मसाज में अलग-अलग तरीकों से ब्रेस्‍ट की मालिश की जाती है जिससे ब्रेस्‍ट के ऊतकों को आराम मिलता है। इससे ब्रेस्‍टफीडिंग से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ब्रेस्‍टफीडिंग से जुड़ी समस्‍याओं को दूर करने के लिए लैक्‍टेशन मसाज करने के तरीके और फायदों के बारे में बता रहे हैं।

कैसे करें लैक्‍टेशन मसाज

आप कई तरीकों से लैक्‍टेशन मसाज कर सकती हैं। आपको जिस भी तरीके से फायदा हो, उसे अपनाएं। पीठ के बल बैठ जाएं लेकिन कमर को थोड़ा ऊपर उठाकर रखें। आपको बिल्‍कुल सीधा नहीं लेटना है। रिक्‍लाइनिंग पोजीशन में लेटें। इस समय शांत रहें। हाथों को एक-दूसरे से मलें जिससे उनमें गरमाई आए। आप गर्म तौलिए का भी इस्‍तेमाल कर सकती हैं। थोड़ा सा तेल या मसाज क्रीम लें और उसे हथेलियों पर मसलें। सर्कुलर मोशन में ब्रेस्‍ट की मसाज शुरू करें। उंगलियों से ब्रेस्‍ट पर हल्‍के से थपथपाएं। हल्‍के हाथों से ही मालिश करें और ज्‍यादा दबाव न बनाएं। अगर हल्‍का-सा दूध निकल रहा है, तो मसाज कुछ सेकंड के लिए रोक दें। जब दूध आराम से निकने लगे तो मसाज स्‍ट्रोक कम कर दें। जब तक आपको आराम महसूस नहीं होता, तब तक ब्रेस्‍ट से रुका हुआ दूध निकालती रहें। दूध पिलाने से पहले और नहाने के दौरान दोनों ब्रेस्‍ट की 30 से 45 मिनट तक मालिश करें।

लैक्‍टेशन मसाज के फायदे

ब्रेस्ट मसाज से ब्रेस्‍टफीडिंग से जुड़ी निम्‍न समस्‍याएं सुलझ सकती हैं :

स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं को ब्रेस्‍ट इंगोर्जमेंट या इंफेक्‍शन की वजह से ब्रेस्‍ट में दर्द रहता है। लैक्‍टेशन मसाज से इस दर्द में कमी आती है।

इस तरह की मालिश से ब्रेस्‍ट में दूध ज्‍यादा बन पाता है और दूध में लिपिड्स, कैसिन और एनर्जी बढ़ती है जिससे दूध की क्‍वालिटी में सुधार आता है।

दूध की ग्रंथियों से निप्‍पल तक दूध लाने वाली ब्रेस्‍ट की नलियां पतली होती हैं।जब इन नलियों से दूध नहीं निकल पाता है, तो ब्रेस्‍ट को छूने पर दर्द होता है और गांठ सी बन जाती है। ऐसे में निप्‍पल की हल्‍की मालिश से दूध आसानी से आ जाता है।

30 सेकंड या इससे ज्‍यादा समय तक ब्रेस्‍ट की हल्‍की मालिश करने से कोलाजन का उत्‍पादन और ब्‍लड फ्लो बढ़ता है। इससे ब्रेस्‍ट के स्‍ट्रेच मार्क्‍स धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं।

इस तरह लैक्‍टेशन मसाज से कम दूध आने के साथ-साथ ब्रेस्‍टफीडिंग से जुड़ी कई समस्‍याएं दूर हो सकती हैं।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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