पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में पकड़े गए सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा से पुलिस को पांच दिन की रिमांड में कुछ खास जानकारी तो हासिल नहीं हो पाई है, उसके मोबाइल फोन का राज भी राज ही रह गया. इतनी सफलता जरुर मिली है कि अस्पताल से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के बिल मिले है, जिसका भुगतान भी सपन जैन ने इंदौर में एमआर राकेश शर्मा के माध्यम से रीवा निवासी सुनील मिश्रा को किए थे. अब एसआईटी गुजरात के मोरबी से आरोपियों को लाने की तैयारी में है, इनके आने के बाद नए नए राज जरुर खुलेगें.
सूत्रों की माने तो एसआईटी को पूछताछ में यह बात जरुर पता चली है कि सुनील मिश्रा ने इंदौर व जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने के बाद डायमंड एजेंसी का बिल दिया था, सुनील द्वारा डीमार्ट के नाम से ऑनलाइन नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने का कारोबार करता रहा, विजय नगर में दवा कारोबारी से भी उसका ऑन लाइन संपर्क हुआ था, लेकिन बिल एक नम्बर न देने के कारण सौदा नहीं हो पाया था, इसके बाद सुनील का नम्बर सिटी अस्पताल के देवेश चौरसिया को मिला फिर देवेश व मोखा से ये नम्बर सपन जैन को मिला. वहीं दूसरी ओर इस बात को लेकर भी पुलिस की क ार्यवाही सवालों के घेरे में आ गई है कि सरबजीतसिंह मोखा को जब गिरफ्तार किया गया, उस वक्त ही मोखा का मोबाइल फोन क्यो जब्त नहीं किया गया, दूसरे दिन तो मोबाइल गायब हो गया था, जो आज तक पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहा है.
यहां तक कि पुलिस ने मोबाइल तलाशने के लिए हर संभव प्रयास किए अस्पताल भी गई लेकिन मोबाइल फोन नहीं मिला, रिमांड में भी मोखा ने यही कहा कि जब पुलिस ने उसे अस्पताल से हिरासत में लिया, उसी वक्त मोबाइल फोन वहीं छूट गया, उसे भी नही मालूम मोबाइल फोन कहा गया. एसआईटी अब गुजरात पुलिस की गिरफ्त में आ चुके सपन जैन, सुनील मिश्रा, कौशल वोरा, पुनीत शाह को जबलपुर लेकर आने की तैयारी में है, ऐसा कहा जा रहा है कि पांच जून को इंदौर पुलिस आरोपियों को गुजरात लेकर जाएगी, इसके बाद जबलपुर एसआईटी आरोपियों को गुजरात से लाने के लिए जाएगी, इनके जबलपुर आने के बाद पुलिस फिर से सरबजीतसिंह मोखा व देवेश चौरसिया को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. खबर यह है कि कि जबलपुर में ही करीब 15 लाख रुपए तक के रेमडेसिविर इंजेक्शनों की सप्लाई की गई है, जिससे और भी अस्पताल एसआईटी की जांच के दायरे में आ सकते है, सूत्रों की माने तो गुजरात में मोरबी पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों से जबलपुर में आने वाले दिनों में यदि पूछताछ की गई तो जबलपुर के अन्य अस्पताल भी जांच के दायरे में आ सकते है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का एक और सौदागर राकेश शर्मा गिरफ्तार
जबलपुर के सिटी अस्पताल में 18 हजार रुपए लेकर मरीज को लगाया जाता था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन..!
जबलपुर के सिटी अस्पताल से 18 हजार रुपए लेकर मरीज को लगाया जाता था नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन..!
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण: मोखा की पत्नी ने तगाड़ी में रखकर जला दिए स्टॉक रजिस्टर
Leave a Reply