पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित साईं कालोनी धनवतंरी नगर में अक्षय पारके नामक इंजीनियर ने आर्थिक तंगी के घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अक्षण पुणे में किसी निजी कंपनी में कार्यरत रहा, लेकिन लॉकडाउन के कारण उसकी नौकरी भी नही रही, इसके बाद वह अपने जबलपुर स्थित घर आ गया था. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मर्ग कायम कर लिया है. वहीं घटना को लेकर आज सुबह से ही क्षेत्र में मातम छाया रहा.
पुलिस के अनुसार साईं कालोनी धनवतंरी नगर निवासी अक्षय पारके उम्र 32 वर्ष पुणे में किसी निजी कंपनी में इंजीनियर रहा, लॉकडाउन के कारण अक्षय की नौकरी छूट गई, मां निजी स्कूल में शिक्षिका रही, उनके साथ भी ऐसा ही हुआ, स्कूल बंद होने के कारण उन्हे भी वेतन मिलना बंद हो गया था, पिता निजी कंपनी से पहले ही सेवानिवृत हो चुके है. घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ती ही जा रही थी, अक्षय द्वारा नौकरी के लिए इधर से उधर हाथ, पैर मारे जा रहे थे लेकिन हर तरफ से निराशा ही हाथ लग रही थी.
वह सुबह से नौकरी की तलाश में घर से निकलता तो देर रात ही लौटता रहा, उसने अपनी आर्थिक परेशानियों के बारे में दोस्त से भी चर्चा की थी. बीती रात 11 बजे के लगभग अक्षय ने परिजनों के साथ भोजन किया और अपने कमरे में सोने के लिए चला गया, आज सुबह जब अक्षय कमरे से बाहर नहीं आया तो छोटा भाई उठाने के लिए पहुंचा, धक्का देकर जैसे ही दरवाजा खोला तो चीख पड़ा, देखा कि अक्षय फांसी के फंदे पर झूल रहा है, चीख सुनकर माता पिता सहित आसपास के लोग भी पहुंच गए, जिन्होने अक्षय को फांसी के फंदे पर झूलते देखा तो स्तब्ध रह गए.
देखते ही देखते यह खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल पहुंचाकर मर्ग कायम कर लिया. पुलिस को पूछताछ में परिजनों ने भी यही कहा कि आर्थिक तंगी के कारण अक्षय परेशान रहा, जो नौकरी के लिए लगातार प्रयास करता रहा लेकिन हर तरफ से उसे निराशा ही हाथ लग रही थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में जूडा ने बंद की कोविड ड्यूटी, कहा सरकार एस्मा लगाकर डराना चाहती है
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