एमपी में जूडा सरकार से आरपार की लड़ाई को तैयार: जबलपुर में आईएमए का समर्थ, रीवा में भीख मांगी, ग्वालियर में सार्टिफिकेट लौटा

एमपी में जूडा सरकार से आरपार की लड़ाई को तैयार: जबलपुर में आईएमए का समर्थ, रीवा में भीख मांगी, ग्वालियर में सार्टिफिकेट लौटा

प्रेषित समय :18:21:31 PM / Sat, Jun 5th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश में अब जूनियर डाक्टर अब सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में है, जबलपुर में आईएमए ने भी जूडा का समर्थन किया है तो ग्वालियर में वारियर्स सार्टिफिकेट लौटा दिए, वहीं रीवा में जूडा ने भीख मांगी है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार व मेडिकल यूनिवर्सिटी ने सख्त कार्रवाई की, इसके बाद भी जूड़ा अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है. इधर सरकार का कहना है कि वह बात करने को तैयार है लेकिन पहले हड़ताल को समाप्त किया जाए. जूडा द्वारा लिखित आश्वासन मांगा गया है, िजसपर सरकार तैयार नहीं है.

बताया जाता है कि प्रदेश के पांच मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है, जहां पर चिकित्सा व्यवस्थाएं लडख़ड़ा रही है, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर व रीवा में ऐसे हालात अब नजर आने लगे है. पिछले दिन सरकार के निर्देश पर डीन ने इस्तीफा देने वाले 28 डाक्टरों को बांड भरने वा छात्रावास खाली करने के नोटिस जारी किए, इस मामले में जूडा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर अरविंद मीणा का कहना है कि हम अपने हक की बात कर रहे है तो सरका हमसे ही रुपए मांग रही है, हम बातचीत के पक्ष में रहे लेकिन अपनी  बात से मुकर गई है. इधर जबलपुर ें जूडा के समर्थन में एसआर, जेआर के बाद अब आईएमए भी आ गया है, आईएमए ने कहा कि जूनियर डाक्अरों ने कोरोना जैसे संकट में अपनी जान को जोखिम में डालकर मरीजों का उपचार किया है, अब उनकी मांगों को पूरा करने के बजाय सरकार प्रताडि़त कर रही है, ऐसा ही रहा तो आईएमए से जुड़े सभी डाक्टर भी हड़ताल में शामिल हो जाएगें, हड़ताल कर रहे जूनियर डाक्टरों ने कहा कि बांड की राशि 30 लाख रुपए के लिए लोगों के सामने भीख मांगेगें. इंदौर में आंदोलन कर रहे जूनियर डाक्टरों ने थ्री डडियट का गाना गाकर सरकार को जगाने की कोशिश की है, इंदौर के एमवायएच में जारी हड़ताल के कारण ओपीडी, इमरजेंसी सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है, आज भी ओपीडी में कुछ सीनियर डाक्टर्स दिखाई दिए, जिन्होने मरीजों की जांच की, कुछ सीनियर डाक्टर वार्डो में पहुंचे लेकिन वे ज्यादा देर तक नहीं रुके, बाहर से भी डाक्टरों को बुलाया गया है लेकिन जूडा की तुलना में उनकी संख्या बहुत कम रही. ग्वालियर की बात की जाए तो जूडा के समर्थन में सीनियर डाक्टर भी आ गए है.

जिसके चलते यहां पर मरीजों के हाल भी बेहाल होने लगे है, आज जूनियर डाक्टरों ने सरकार को वह फूल वापस लौटाए जो कोरोना की पहली लहर में कोरोना वारियर्स घोषित करते वक्त हैलीकाप्टर से बरसाए गए थे, साथ ही कोरोना वारियर्स के सार्टिफिकेट भी लौटा दिए गए, यहां तक कि थालियां बजाकर सरकार को नींद से जगाने की कोशिश की गई, जूनियर डाक्टरों का कहना है कि सरकार ने उन्हे धोखा दिया है. डाक्टरों ने जगह जगह पोस्ट भी चिपका दिए कि मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं. रीवा में हड़ताल के 6वें दिन श्यामशाह मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टरों ने भीख मांगकर विरोध प्रकट किया, जूडा ने कहा कि हम लोग गरीब घर के छात्र, प्रतियोगिता पास करके सीट प्राप्त किए है, लेकिन सरकार बांड के 30 लाख रुपए प्रति छात्र मांग रही है. अगर हमलारे पास रुपए होते तो कहीं से भी पीजी की डिग्री ले सकते थे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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