पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले डाक्टर की डिग्री भी फर्जी निकली, डाक्टर ने दमोह के इलेक्ट्रो होम्योपैथी कालेज से फर्जी डिग्री बनवाकर जबलपुर में नेपियर टाउन स्थित आशीष अस्पताल में नौकरी तक पा ली थी. मामले का खुलासा होने के बाद एसटीएफ ने आरोपी डाक्टर नीरज साहू के खिलाफ एक और प्रकरण दर्ज कर लिया है.
बताया जाता है कि स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अप्रेल माह में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया था, जिसमें दो डाक्टर भी शामिल रहे. जिसमें एक डाक्टर नीरज साहू की डिग्री भी फर्जी होने का संदेह एसटीएफ को पहले से था, जिसके चलते नीरज साहू की डिग्री की जांच कराई गई तो संदेह यकीन में बदल दिया, नीरज साहू ने दमोह के इलेक्ट्रो होम्योपैथी कालेज से इस बात की पुष्टि की गई, जिसके चलते एसटीएफ ने डाक्टर नीरज साहू के खिलाफ एक और प्रकरण दर्ज किया है, हालांकि आरोपी नीरज साहू भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद है, जिसका रिमांड लेने जबलपुर से एसटीएफ की टीम भोपाल पहुंची है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस कालेज से और भी लोगों फर्जी डिग्री तैयार कराई है, जिसका खुलासा करने के लिए एटीएफ टीम जांच में जुटी है. गौरतलब है कि एसटीएफ ने रेमडेसिविर इंजेक्शन क ी कालाबाजारी के मामले में नीरज साहू के अलावा डाक्टर जितेन्द्र ठाकुर, सुधीर सोनी, राहुल उर्फ अरुण विश्वकर्मा को भी पकड़ा है, एक महिला डाक्टर संगीता पटैल का नाम भी सामने आया था, जो नागपुर के निजी अस्पताल में ड्यूटी कर रही थी. नीरज साहू ने 18-18 हजार रुपए में तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे रहे, डाक्टर नीरज साहू द्वारा मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन वार्ड से चोरी कर लेते थे, जिन्हे 18-18 हजार रुपए में बेचते रहे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में प्रवेश करने पर होगी थर्मल स्क्रीनिंग, पार्को में मार्निंग वॉक शुरु होगी
एमपी के जबलपुर में पकड़े गए पश्चिम बंगाल के दो ठग, सऊदी अरब के नोट दिखाकर कर रहे थे ठगी
Leave a Reply