पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश में भाजपा की राजनैतिक गलियारों में इन दिनों एक चर्चा जोरों पर है, जिसमें नेता से लेकर कार्यकर्ता दबी जुबान से एक ही बात कह रहे है कि प्रदेश अध्यक्ष का कद राष्ट्रीय अध्यक्ष से बड़ा हो गया है, तभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का साले को कार्यसमिति से बाहर कर दिया गया, वहीं प्रदेश अध्यक्ष की सास कार्यसमिति की सदस्य बन गई. हालांकि कुछ नेताओं का कहना है कि यह एक रुटीन प्रकिया है, लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा ज्यादा जोरों पर है वह भी ऐसे समय जब नगरीय निकाय के चुनाव की सुगबुगाहट शुरु हो गई है. वहीं दूसरी ओर नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं में अंसतोष की लहर है.
बताया जाता है कि एमपी में कोरोना संक्रमण के काबू में आते ही एक बार फिर भाजपा नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है, जिसके चलते प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भी 24 जून को बुलाई गई है, बैठक का शुभारम्भ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेगेें, बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी अपनी नई टीम के साथ बैठेगें, बैठक में निकाय चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी, राजनीतिक प्रस्ताव लाए जाएगें, लेकिन बैठक से पहले कार्यसमिति के सदस्यों में किया गया उलटफे र भाजपाईयों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, जिस बैठक का शुभारम्भ राष्ट्रीय अध्यक्ष करेगें, उनके ही साले दीपंकर बैनर्जी को कार्यसमिति से हटा दिया गया है, उनके स्थान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की सास कांतिराव मिश्रा का नाम कार्यसमिति की सदस्य के रुप में जोड़ दिया गया है, बैठक से पहले हुए इस उलटफेर को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया है, चर्चाओं में तो यहां तक कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष का कद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष से बड़ा हो गया है, ऐसा भी कहा जा रहा है कि कार्यसमिति के सदस्यों के नामों को हटाने व जोडऩे को लेकर संगठन के वरिष्ठ नेताओं के बीच लम्बी चर्चा हुई, इसके बाद निर्णय लिया गया है, वहीं दूसरी ओर जबलपुर में पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह रुटीन प्रक्रिया है, संगठन से दीपकंर बैनर्जी को कोई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपने का विचार किया होगा, जिसके चलते उन्हे इस बार कार्यसमिति में नहीं रखा गया है, लोगों को जोडऩे व हटाना तो सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह सामान्य प्रक्रि या भी सामान्य से नेता के साथ नहीं हुई है जिसके चलते चर्चाओं का दौर भी चल रहा है, इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साले को हटाया गया है और प्रदेश अध्यक्ष की सास का नाम जोड़ा गया है तो चर्चा होना तो स्वाभाविक है, पार्टी स्तर पर भी इस बात तो लेकर भी विचार मंथन किया जा रहा है, अब देखना है कि 24 जून से शुरु होने वाली बैठक की क्या तस्वीर होगी, वह भी ऐसे समय वक्त जब कार्यसमिति की बैठक में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चर्चा होना है, कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव लाए जाना होगा.
गौरतलब है कि कार्यसमिति की बैठक को लेकर पार्षद पद के दावेदारों के बीच हलचल मची हुई है क्योंकि सभी ने अपने अपने स्तर पर उन नेताओं के पास जाना शुरु कर दिया था जो कार्यसमिति के सदस्य रहे, ऐसे में अब वे भी कहीं न कहीं उलझन में है. हालांकि इस मामले में जब दीपकंर बैनजी से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि अभी तक कार्यसमिति की बैठक को लेकर उनके पास कोई सूचना नहीं आई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश की जेलों से कोरोना महामारी के चलते रिहा किये गये 4,500 कैदियों की पैरोल अवधि बढ़ी
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