जियो मार्ट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर जबलपुर की महिला व्यवसायी से 15 लाख की ठगी

जियो मार्ट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर जबलपुर की महिला व्यवसायी से 15 लाख की ठगी

प्रेषित समय :13:20:55 PM / Sun, Jun 27th, 2021

जबलपुर. एमपी के जबलपुर की एक महिला व्यवसायी को जियो मार्ट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर मुंबई के जालसाज ने 15 लाख रुपये ठग लिए. अपने साथ ठगी का अंदेशा होने पर जब महिला पति के साथ बताए गए उनके मुंबई ऑफिस पहुंची तो वहां कुछ नहीं मिला.

जानकारी के अनुसार जबलपुर स्थित शुक्ला नगर निवासी चेतना का खुद का व्यवसाय है. अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए वह सोशल मीडिया पर कुछ नए बिजनेस के बारे में सर्च कर रही थी. इसी दौरान सोशल मीडिया पर 6 नवंबर को उन्होंने जियो मार्ट की फ्रेंचाइजी का विज्ञापन देखा. जिसमें इस कंपनी का हेड ऑफिस अंधेरी कुर्ला रोड मित्तल इंडस्ट्री इस्टेट अंधेरी ईस्ट मुंबई महाराष्ट्र बताया गया था. विज्ञापन के साथ एक मोबाइल नंबर भी था।

महिला ने 9 नवंबर 2020 को मोबाइल नंबर पर बात की तो उधर से दीपेंद्र सक्सेना नाम बता कर बात की गई. दीपेंद्र ने फ्रेंचाइजी के बारे में सारी जानकारी दी और आवेदन मांगा. उसी दिन ही उसने खुशखबरी सुनाई कि उसका आवेदन कंपनी ने मंजूर कर लिया है. इसके बाद उसने महिला को इस तरह झांसे में फंसाया कि उसे ठगे जाने का जब तक एहसास हुआ, उसके हाथ से 15 लाख से अधिक की रकम निकल चुकी थी.

जालसाज ने महिला से अलग-अलग तारीखों में राशि जमा कराई. जिसके तहत जालसाज ने 10 नवंबर 2020 को फ्रेंचाइजी फीस के नाम पर 32 हजार 500 रुपए केनरा बैंक के खाते में जमा कराया. फिर इसी दिन आरोपी ने प्रोसेस फीस के तौर पर 32 हजार 500 रुपए जमा कराए. वहीं 11 व 12 नवंबर 2020 को एग्रीमेंट चार्ज के तौर पर दो बार में कुल 98 हजार 900 जमा कराए.

इसके बाद आरोपी ने 20 नवंबर को एनओसी चार्ज के नाम पर 1 लाख 98 हजार 900 रुपये आरटीजीएस के माध्यम से जमा कराए. 23 नवंबर 2020 को सुरक्षा राशि के नाम पर 2 लाख 50 हजार 300 रुपए जमा कराए. 27 नवंबर 2020 को नए सॉफ्टवेयर प्रोसेस के नाम पर 1 लाख 50 हजार 900 रुपए जमा कराए. 1 दिसंबर 2020 को प्रोसेस चार्ज के रूप में 2 लाख 20 हजार 500 रुपए जमा कराए. इस राशि को भविष्य में रिफंड करना बताया था. 9 दिसंबर 2020 को अकाउंट ओपनिंग प्रोसेस के तौर पर 1 लाख 95 हजार, 23 दिसंबर को 1 लाख रुपए और 24 दिसंबर को 95 हजार रुपए जमा कराए.

आरोपी जालसाज लगातार अलग-अलग चार्ज बता कर पैसे जमा कराता गया. उसने महिला को आश्वस्त किया था कि एक टीम साइट विजिट करेगी. पर कोई टीम नहीं आई. इसके बाद फिर जालसाज ने वर्किंग ऑर्डर चार्ज के तौर पर 1 लाख 45 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा, तो महिला ने विजिट के बाद देने की पेशकश की. आरोपी कुछ दिनों तक महिला के संपर्क में रहा. फिर अचानक 25 जनवरी को उसके तीनों मोबाइल नंबर बंद हो गए.

जालसाज के झांसे में आकर 15 लाख रुपए से अधिक गंवा चुकी पीड़ित महिला पति के साथ फरवरी में मुंबई गई और वहां बताए गए पते पर पहुंची तो वहां कोई ऑफिस नहीं मिला. इसके बाद उसने गढ़ा थाने, पुलिस सायबर सेल और एसपी से शिकायत की. वहां से राहत नहीं मिली तो 25 जून को स्टेट सायबर सेल में मामले की शिकायत की. स्टेट सायबर सेल ने मामले को जांच में लिया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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