पमरे में हाईस्पीड से सुरक्षित दौड़ेेंगी रेल, अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम का प्रावधान, इटारसी-सतना के बीच चलेगी मेमू ट्रेन

पमरे में हाईस्पीड से सुरक्षित दौड़ेेंगी रेल, अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम का प्रावधान, इटारसी-सतना के बीच चलेगी मेमू ट्रेन

प्रेषित समय :19:52:47 PM / Mon, Jul 5th, 2021

जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलों जबलपुर, भोपाल व कोटा में अब पहले से अधिक द्रुत गति से अति सुरक्षित ट्रेनों का संचालन हो सकेगा, क्योंकि रेलवे ने अत्याधुनिक सिग्नलिंग व दूरसंचार सिस्टम को लगाने की योजना तैयार की है. वहीं इटारसी-जबलपुर, जबलपुर-सतना के बीच मेमू ट्रेन चलाने की भी योजना है, साथ ही खंडवा-इटारसी-जबलपुर-इलाहाबाद के बीच रेल ट्रेक की गति 130 किमी प्रतिघंटा किये जाने की तैयारी है.

पश्चिम मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री राहुल जयपुरियार ने आज दिनाँक 05 जुलाई 2021 को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए उक्त जानकारी दी.. इस वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीपीआरओ ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए पश्चिम मध्य रेल की कुछ प्रमुख उपलब्धियों के संबंध में जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि आधुनिक सिगनल प्रणाली और दूरसंचार ट्रेन परिचालन में सुरक्षा बढ़ाती है. भारतीय रेलवे में उपयोग में आने वाले उपकरणों का अपग्रेडेशन और रिप्लेसमेंट एक सतत प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया को इसकी स्थिति, परिचालन आवश्यकताओं और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है. पश्चिम मध्य रेल ने अगले पाचँ वर्षों के लिए आधुनिक सिग्नल और दूरसंचार में सिंग्नलिंग के ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिंग्नलिंग, सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल एवं इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग तथा दूरसंचार में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, सीसीटीवी एवं लॉन्ग टर्म एवोल्यूशन प्रणाली की योजनाओं को बढ़ावा देना है.

ट्रेन संचालन में सुरक्षा को बेहतर बनाने आधुनिकीकरण का यह हो रहा काम

1.  सुरक्षा और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) का प्रावधान
2.  लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस)
3.  लेवल क्रॉसिंग फाटकों पर सुरक्षा
4.  मानव त्रुटि को रोकने के लिए लोको पायलट की सहायता के रूप में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली

सीपीआरओ श्री जयपुरियार ने बताया कि यह ध्यान देने योग्य है कि आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने स्टेशनों और रेलगाडियो में सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के लिए भारतीय रेलवे को 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन को मंजूरी दी है. इस स्पेक्ट्रम के साथ, भारतीय रेलवे ने अपने मार्ग पर लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रदान करने की परिकल्पना की है.परियोजना में अनुमानित निवेश 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है. यह परियोजना अगले 5 साल में पूरी हो जाएगी. साथ ही यह मेक इन इंडिया मिशन को पूरा करने और रोजगार पैदा करने के लिए सक्रिय विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए बहुराष्ट्रीय उद्योगों को आकर्षित करेगा.

इन कामों पर दिया गया है जोर

- स्वचालित रेलगाडी सुरक्षा के साथ आधुनिक कैब आधारित सिग्नलिंग प्रणाली की तैनाती जो ट्रेन संचालन में रक्षा और सुरक्षा को बढ़ाएगी. साथ ही कोहरे के दौरान भी यह मदद प्रदान करेगी.
- ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मास्टर, ट्रेन ट्रैफिक कंट्रोलर और मेंटेनेंस स्टाफ के बीच ट्रेन संचालन में निर्बाध सम्पर्क के साथ मिशन क्रिटिकल वॉयस कम्युनिकेशन.
- यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सीमित वीडियो निगरानी (लाइव फीड) के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था.
- विशेष रूप से रोलिंग स्टॉक के लिये आईओटी आधारित एसेट मॉनिटरिंग की व्यवस्था.
- ट्रेनों और स्टेशनों पर यात्री सूचना प्रणाली (पीआईएस).
- 272 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा का विस्तार किया गया है और 03 शेष व्यवहार्य स्टेशनों को जल्द ही शामिल किया जाएगा. इस सुविधा का उपयोग यात्रियों, स्थानीय विक्रेताओं, कुली आदि द्वारा किया जा रहा है.
- सुरक्षा में सुधार के लिए 24 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और शेष स्टेशनों पर भी इसकी योजना है.
- रेलवे के 100 प्रतिशत मार्गों को ओएफसी आधारित प्रणाली (3000 रूट किलोमीटर रेलमार्ग) के साथ कवर किया गया है. इसका उपयोग रेलवे के आंतरिक संचार के लिए किया जा रहा है और अतिरिक्त क्षमता का आरसीआईएल द्वारा व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जा रहा है.
- पश्चिम मध्य रेल में 100 प्रतिशत  ई-फाइलिंग सिस्टम लागू है. प्रशासनिक कार्यों में सुधार के लिए सभी कार्यलयों में ई-ऑफिस उपलब्ध कराया गया है. 5446 से अधिक उपयोगकर्ता इसका उपयोग कर रहे हैं और अब तक 82800  से अधिक ई-फाइलें बनाई गई हैं. मौजूदा भौतिक फाइलों को डिजिटल फाइलों में बदला जा रहा है.
- इस अवसर पर सीपीआरओ ने मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि हम आप के माध्यम से सभी यात्रियों/नागरिकों से अनुरोध करना चाहते हैं कि वह कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी कोविड नियमों का पालन कर सावधानियां बरतें एवं मास्क जरूर पहनें तथा सिनेटाइजर का उपयोग करते रहें और अफवाह फैलाने वाले से सावधान रहें.  प्रेस वार्ता का संचालन कर रहे जनसंपर्क अधिकारी आई. ए. सिद्दीकी ने उपस्थित सभी समान्नित मीडिया का आभार व्यक्त किया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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