पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 30 जून से चल रही नर्सो की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है. हाईकोर्ट ने सुनवाई में उपस्थित हुई एमपी नर्सेस एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार को आदेश दिया है कि वे 8 जुलाई से काम पर लौटे, वहीं सरकार को आदेश दिया है कि वह हाई लेबल कमेटी बनाकर नर्सो की मांग का एक महीने में निराकरण करेें.
नागरिक उपभोक्ता मंच ने नर्सो की हड़ताल को अवैध घोषित करने को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, याचिका के माध्यम से सवाल उठाया गया था कि कोविड काल में नर्स व डाक्टर सहित स्वास्थ्य से जुड़े लोग हड़ताल नहीं कर सकते है, राज्य सरकार ने भी 28 जून को नर्सो की हड़ताल को अवैध घोषित किया था, इसके बाद भी नर्सो की 30 जून से हड़ताल जारी है.
पांच जुलाई को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की डिवजीन बेंच ने मामले में सुनवाई की थी, हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान नर्सेस एसोसिएशन की अध्यक्ष रेखा परमार का पक्ष सुना, इसके बाद आदेश देते हुए कहा कि नर्सो की प्रदेश व्यापी हड़ताल अवैधानिक है, इसे तत्काल वापस लेते हुए काम पर लौटे, वहीं हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार से कहा कि वह एक हाईलेवल कमेटी बनाकर एक माह में नर्सो की मांगों का उचित तरीके से निराकरण करें. गौरतलब है कि नर्सिंग एसोसिएशन की ओर उच्च स्तरीय वेतनमान, पुरानी पेंशन लागू करने, कोरोना में शहीद हुई नर्सो के परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति देने, वर्ष 2018 आदर्श भरती नियमों में संशोधन करने, मेडिकल कालेज में मेल नर्स की भरती करने की मांग की जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में कई दिनों के प्रदर्शन के बाद नर्सो की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु
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