नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ लाने की मंजूरी दे दी है. हालांकि यह आईपीओ कब तक आएगा, इसे लेकर अभी फैसला लिया जाना बाकी है. विनिवेश की इस मंजूरी के बाद अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में एक समिति इस आईपीओ के इशू साइज और प्राइस को लेकर फैसला लेगी.
इसके अलावा समिति यह भी तय करेगी कि आईपीओ को कब लाया जाए. डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ने इस साल जनवरी 2021 में आईपीओ से पहले इसके वैल्यूएशन के लिए एक्चुरिअल फर्म मिलिमन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया की नियुक्ति की थी. यह आईपीओ भारतीय कॉरपोरेट हिस्ट्री का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है.
एलआईसी एक्ट में बजट संशोधन को अधिसूचित किया जा चुका है और अब एक्चुरिअल फर्म इसके एंबेडेड वैल्यू को जल्द ही अंतिम रूप दे सकती है. एंबेडेड वैल्यू मेथड के तहत एलआईसी के वर्तमान एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) में भविष्य के लाभ के वर्तमान वैल्यू को भी शामिल किया गया है. सोमवार 12 जुलाई को एक सीनियर ऑफिशियल ने जानकारी दी कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एलआईसी के आईपीओ के प्रस्ताव को पिछले हफ्ते मंजूरी दी थी. अभी इस पर फैसला लिया जाना बाकी है कि सरकार कितनी हिस्सेदारी का विनिवेश करेगी.
ऑफिशियल के मुताबिक सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक एलआईसी का आईपीओ आ सकता है. आईपीओ के इशू साईज का अधिकतम 10 फीसदी पॉलिसीहोल्डर्स के लिए आरक्षित रहेगा. प्रस्तावित आईपीओ के लिए सरकार पहले ही जरूरी लेजिस्लेटिव एमेंडमेंट्स कर चुकी है. इसके अलावा डेलॉयट और एसबीआई कैप्स को प्री-आईपीओ ट्रांजैक्शन एडवाइजर्स के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मानसून ने दिल्लीवासियों को दी गर्मी से निजात, अनेक राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी
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