पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णो के लिए लागू दस प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर अहम आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह आर्थिक रुप से कमजोर तबके को फिलहाल ईडब्ल्यूएस आरक्षण तो दे सकती है, लेकिन इस आरक्षण पर होने वाली नियुक्तियां हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी.
जिससे यह साफ है कि हाईकोर्ट यदि आरक्षण रद्द करने का फैसला सुनाता है तो ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत की गई सभी नियुक्तियां रद्द भी मानी जाएगी, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार क ो आदेश दिया है कि वह ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत होने वाली नियुक्तियां भी इसी शर्त को दृष्टिगत रखकर करे. मध्य प्रदेश में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया गया था. इसे याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती, जबकि 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण से मध्यप्रदेश में आरक्षण 60 प्रतिशत हो जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट की गाडलाइन के खिलाफ है. इसी मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नई व्यवस्था बनाई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर से डीआरटी के जाने से होटल व्यवसाय को लगा झटका
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