जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने पुरातत्व विभाग को बक्सवाहा के जंगल की 25 हजार वर्ष पुरानी रॉक पेंटिंग की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है.
चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुये इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है. नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ पीजी नाजपांडे की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि बक्सवाहा जंगल में पाई गई 25 हजार वर्ष पुरानी रॉक पेंटिंग देश की सांस्कृतिक विरासत है और इसे सुरक्षित रखने की दिशा में कदम उठाने चाहिए.
उपभोक्ता मंच की ओर से दायर जनहित याचिका पर पक्ष रखते हुए अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि इस रॉक पेंटिंग की जानकारी पुरातत्व विभाग के साथ-साथ ऑर्कियोलॉजिकल विभाग को भी दी गई. बावजूद दोनों विभागों की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि इसी क्षेत्र में 364 हेक्टेयर भूमि में प्रस्तावित डायमंड माइनिंग की खुदाई कभी भी शुरू हो सकती है.
इस मामले में पुरातत्व विभाग की ओर से पेश किए गए जवाब में कहा गया कि कुछ दिन पूर्व ही उन्हें इसके बारे में पता चला है. इस पर एक टीम बक्सवाहा जंगल में जांच के लिए रवाना की जा रही है. न्यायालय ने पुरातत्व विभाग को अपनी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं. वहीं मामले में केंद्र और राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर से नरसिंहपुर लौट रहे युवक को बदमाशों ने मारी गोली..!
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