पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव कराए जाने की आहट आने लगी है, यहां पर नगरीय निकाय चुनाव भी उसी तरह होगे जैसा पूर्व सीएम कमलनाथ चाहते थे, अब महापौर व अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगें, सीएम शिवराजसिंह चौहान ने भी राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि नगरीय निकायों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराएं, कुल मिलाकर नगर निगमों में महापौर व नगर पालिकाओं के अध्यक्षों को पार्षद ही चुनेगें, हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने को लेकर की गई बैठक में निर्णय लिया है कि नगरीय निकाय के चुनाव दो चरणों व पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराए जाएगें. गौरतलब है कि दिग्विजयसिंह के कार्यकाल में भी महापौर व निकाय अध्यक्ष ऐसे ही चुने जाते रहे.
राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपीसिंह ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव पहले होगें, इसके बाद पंचायत चुनाव कराए जाएगे, नगरीय निकाय चुनाव दो चरणों में व पंचायत तीन चरणों में होगें, वहीं खबर यह भी है कि यदि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आती या फिर कमजोर होती है तो सितम्बर-अक्टूबर के बीच चुनाव करा लिए जाएगें, इसके बाद पंचायत चुनाव कराएगें. इधर राज्य की शिवराजसिंह चौहान सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का फैसला लिया है, जिसके चलते नगरीय विकास व आवास विभाग ने राज्य चुनाव आयोग को एक पत्र भी पे्रेषित किया है, आयोग ने इस पत्र के आधार पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर बैठक भी की है, गौरतलब है कि एमपी में वर्ष 2015 तक महापौर व अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होते रहे, लेकिन तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला किया था. फिर कमलनाथ सरकार के सत्ता से हटने के बाद शिवराजसिंह चौहान ने सीएम बनते हुए दिसम्बर 2020 में कमलनाथ के फैसले को पलट दिया था, यानी महापौर व अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का अध्यादेश जारी कर दिया था, अध्यादेश की अवधि समाप्त होने से पहले मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि संशोधन विधेयक 2021 को शिवराज सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में पेश नहीं किया था. जबकि प्रस्तावित विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई थी. आयोग को लिखे पत्र में सरकार ने इसका हवाला दिया है कि विधेयक को विधानसभा से मंजूरी नहीं मिलने के कारण अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाएं.
नगरीय निकाय के चुनाव पहले, फिर पंचायत-
राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपीसिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंंत्रण व वैक्सीनेशन की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आम चुनाव कराया जाना संभव है, कोरोना के चलते पहले ही आम निर्वाचन में देर हो चुकी है, पहले नगरीय निकायों के चुनाव के कराए जाएगे, इसके बाद पंचायत के चुनाव.
दो चरणों में होगे नगरीय निकाय, तीन चरणों में होगें पंचायत चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव कराने जाने का निर्णय लिया है, जिसमें यह तय किया गया है कि नगरीय निकाय के चुनाव दो चरणों में कराए जाएगें, वहीं पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराए जाएगें. चुनाव कराए जाने की खबर के बाद एक बार एमपी की राजनीति में सरगर्मी फिर तेज हो गई है. आज राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक में नगरीय निकाय के चुनाव दो चरणों व पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराए जाने का निर्णय लिया है, इस खबर के बाद एक बार फिर दावेदार सक्रिय हो गए है. फिर वे अपने अपने बिलों से बाहर आकर लोगों के हमदर्द व रहनुमा बनेगें, उनकी समस्याएं पूछेगें, हालचाल जानेगें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश में ऑनलाइन पढ़ाई बंद हो सकती है: 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने, पूरी फीस पर अड़े संचालक
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