नई दिल्ली. खैबर पख्तूनख्वा में एक बस में हुए ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया है. चीन ने कई पाकिस्तानियों को दसू प्रोजेक्ट से निकालकर अपना गुस्सा जाहिर किया है. 14 जुलाई को सुबह हुई खैबर पख्तूनख्वा में चीन के नागरिकों से सवार बस पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 9 चीनी नागरिक और 2 जवानों के साथ कुल 13 लोग मारे गए थे.
पाकिस्तान से नाराज चीन ने चीन दसू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का काम रोकने का फैसला किया है. दासू प्रोजेक्ट पर काम कर रही चीनी कंपनी CGGC ने बयान जारी किया है. चीन ने कहा कि हमने सुरक्षा कारणों से प्रोजेक्ट साइट पर काम बंद कर दिया गया है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, कंपनी ने कुछ जरूरी पाकिस्तानी कर्मचारियों को छोड़कर बाकी सभी को नौकरी से निकाल दिया है. कंपनी कर्मचारियों को 14 दिन की सैलरी के साथ ग्रैच्युटी और सभी तरह के भुगतान एक साथ करेगी.
हालांकि शुरुआत में पाकिस्तान इसे हादसा बता रहा था, लेकिन अब पाकिस्तानी सूचना मंत्री ने भी इसे आतंकी एंगल होने की संभावना जताई है. इमरान खान अब जांच का आश्वासन देकर चीन को मानने में लगे हुए हैं. लेकिन चीन के इस कड़े कदम के बाद ये मुद्दा इतनी जल्दी थमने वाला नहीं.
चीन के महत्वाकांक्षी बीआरआई यानी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत चीनी सरकार पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकनोमिक कॉरिडोर बना रही है. इस कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत से गिलगित-बाल्टिस्तान के जरिए चीन के शिनजियांग प्रांत को सड़क और रेल के जरिए जोड़ने का प्लान है. इसके लिए चीन पाकिस्तान में 60 बिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है. लेकिन बलूच लड़ाके और कुछ कट्टरपंथी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चीनी नागरिकों को खोने के बाद पाकिस्तान से उठा भरोसा, चीन ने भेजी जांच टीम, सीपीईसी की बैठक भी रद्द
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