मधुबनी. भारत सरकार की महत्वाकांक्षी इंडो-नेपाल रेल परियोजना का काम लगभग पूरा हो चुका है. जल्द ही मधुबनी जिले के जयनगर रेलवे स्टेशन से जनकपुर-कुर्था के बीच रेलगाड़ी दौडऩे वाली है. जयनगर-जनकपुर रेल लाइन पर ट्रायल भी शुरू हो गया है. जनकपुरधाम के खूबसूरत नजारे को करीब से निहारना अब आसान हो जाएगा. वहीं, पूजा-अर्चना के लिए जनकपुर के जानकी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी भी जल्द ही दूर होने वाली है.
दरअसल, मधुबनी जिले में नेपाल बॉर्डर से सटे जयनगर और नेपाल के जनकपुर-कुर्था के बीच 34 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का काम पूरा हो चुका है. साथ ही रेलवे स्टेशन भी यात्रियों के स्वागत के लिए बन संवर कर तैयार है. रविवार को जयनगर-जनकपुर रेल लाइन पर ट्रायल भी शुरू हो गया. इस खास अवसर पर समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम अशोक माहेश्वरी भी जयनगर रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे. डीआरएम की मानें तो रेल लाइन पर ट्रायल का काम पूरा होने के बाद जल्द ही इस रूट पर रेल सेवा शुरू हो जाएगी.
जनकपुरधाम माता सीता की जन्मभूमि होने के चलते न सिर्फ हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है, बल्कि पर्यटन स्थल के रूप में भी अपनी पहचान रखता है. जयनगर-जनकपुर के बीच रेल का परिचालन शुरू होने से इस इलाके में श्रद्धालुओं और सैलानियों की आवाजाही बढ़ेगी. इससे अर्थव्यवस्था तो मजबूत होगी ही साथ में कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को भी नई पहचान मिलेगी. शायद यही वजह है कि यहां के लोग इस रूट पर रेलगाड़ी की आवाज सुनने को बेताब हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छुट्टियां मनाने का है प्लान? तो ये हैं कुछ घरेलू डेस्टिनेशन
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