एमपी में 4 माह बाद हाईकोर्ट में चहल-पहल- कोर्ट रुम में 10 से ज्यादा को अनुमति नहीं, वर्चुअल सुनवाई का भी विकल्प

एमपी में 4 माह बाद हाईकोर्ट में चहल-पहल- कोर्ट रुम में 10 से ज्यादा को अनुमति नहीं, वर्चुअल सुनवाई का भी विकल्प

प्रेषित समय :15:45:50 PM / Mon, Aug 9th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित हाईकोर्ट की मुख्यपीठ सहित ग्वालियर व इंदौर खंडपीठ में चार माह बाद आज से चहल-पहल शुरु हो गई, कोर्ट में फिजिकल हियरिंग शुुरु हो गई, अब अधिवक्ताओं व पक्षकारों के पास फिजिकल हियरिंग के साथ वर्चुअल सुनवाई का विकल्प रहेगा. कोर्ट रुम में दस से अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है, वहीं ६५ वर्ष से अधिक उम्र वाले अधिवक्ताओं व पक्षकारों को न्यायालय में फिजिकल उपस्थिति से छूट दी गई है, नियमित सुनवाई के नोटशीट पर अधिवक्ताओं व पक्षकारों के हस्ताक्षर नहीं होगें.

कोरोना की सेकेंड वेब के चलते चार माह से एमपी के  न्यायालयों में फिजिकल हियरिंग बंद रही, सिर्फ वर्चुअल तरीके से ही मामलों की सुनवाई की जा रही थी, चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्टेट बार काउंसिल जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के सदस्य, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी वर्चुअल तरीके से शामिल हुए थे, इस संयुक्त बैठक में कोरोना की सेकेंड वेब के बाद हाईकोर्ट में फिजिकल सुनवाई को फिर से शुरु करने की बात कही गई, जिसपर कमेटी ने आज से हाईकोर्ट में मुख्यपीठ सहित अलग अलग खंडपीठ में फिजिकल सुनवाई शुरु करने पर सहमति व्यक्त की थी.

अब कमेटी की अगली बैठक २७ अगस्त को होगी, उस बैठक में फिजिकल हियरिंग की समीक्षा की जाएगी, फिजिकल हियरिंग के साथ ही अधिवक्ताओं व पक्षकारों को वर्चुअल सुनवाई का भी विकल्प मिलेगा, यह विकल्प खुद अधिवक्ता या पक्षकार को चुनना होगा. क्योंकि कई पक्षकारों के सामने चुनौती ये थी कि वे वर्चुअल तरीके से सुनवाई में शामिल नहीं हो पा रहे थे. फिजिकल हियरिंग के लिए गाइड लाइन तय की गई है, जिसमें कोर्ट रुम मे अंदर दस से अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, नियमित सुनवाई की नोटशीट पर अधिवक्ताओं व पक्षकारों के हस्ताक्षर नहीं होगें, सुनवाई के लिए कोर्ट रुम में प्लास्टिक की शीट लगाई जाएगी, अधिवक्ताओं व पक्षकारों को मास्क लगाने के साथ साथ सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा, ६५ से अधिक आयुवर्ग के अधिवक्ताओं व पक्षकारों के हस्ताक्षर नहीं होगें. यदि किसी अधिवक्ता या पक्षकार को बुखार है तो उसे न्यायालय परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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