पुणे. कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच पुणे के 75 गांवों में जीका वायरस का खतरा पैदा हो गया है. प्रशासन ने इन गांवों में वैक्सीनेशन को तेज करने का आदेश दिया है. इस बीच पुणे के बेलसर गांव ने जीका वायरस के खतरे को कम करने के लिए अनूठी कवायद की गई है.
पंचायत ने गांव की महिलाओं को 4 महीने तक प्रेग्नेंसी से दूर रहने की सलाह दी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर उनकी काउंसलिंग कर रही है. साथ ही पुरुषों को फ्री में कंडोम बांटे जा रहे हैं. महाराष्ट्र में जीका वायरस का पहला मामला जुलाई में बेलसर गांव में ही मिला था.
पंचायत के उपसरपंच धीरज जगताप का कहना है कि जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को है. जीका वायरस की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पडऩे की आशंका रहती है. उसके दिमाग पर असर पड़ सकता है. इसलिए हमने महिलाओं को अगले 4 महीने तक गर्भवती न होने की सलाह दी है.
पुरुष के स्पर्म से ट्रांसफर हो सकता है जीका वायरस
गांव की 55 साल की एक महिला में जीका वायरस की पहली बार पुष्टि हुई थी. बेलसर गांव में केंद्र और राज्य की कई टीमें आकर जांच कर चुकी हैं. उपसरपंच धीरज जगताप का कहना है कि पुरुषों के स्पर्म में जीका वायरस मिलने की वजह से गांव ने यह फैसला लिया है. सुरक्षित यौन संबंध बनाने की वजह से संक्रमण महिलाओं में नहीं फैलेगा. पंचायत के मुताबिक, हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी इस तरीके को कारगर बताया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सिंधिया ने एमपी से 8 फ्लाइट्स को दी मंजूरी, जबलपुर-पुणे- जबलपुर-ग्वालियर- सूरत भी शामिल
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