एमपी के मॉडल प्रसव केन्द्र में मोबाइल फोन की रोशनी में महिला की डिलिवरी कराई गई

एमपी के मॉडल प्रसव केन्द्र में मोबाइल फोन की रोशनी में महिला की डिलिवरी कराई गई

प्रेषित समय :18:01:36 PM / Sun, Aug 15th, 2021

पलपल संवाददाता, शिवपुरी. मध्यप्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात शिवराज सरकार द्वारा की जा रही है लेकिन हकीकत तो इससे परे है, प्रदेश के मॉडल प्रसव केन्द्र में एक महिला की मोबाइल फोन की टार्च जलाकर डिलिवरी कराई गई, शिवपुरी के ग्राम झिरी स्थित इस प्रसव केन्द्र में आठ दिन से बिजली नहीं है, खासबात तो यह है कि पूरे मामले में अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि उन्हे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. 

बताया गया है कि शिवपुरी के ग्राम भदरौनी में रहने वाली आनंदराव की पत्नी अनारकली उम्र 25 वर्ष को शाम 6 बजे के लगभग प्रसव पीड़ा हुई जिसके चलते परिजन अनारकली को ग्राम झिरी स्थित प्रसव केन्द्र लेकर आ गए, यहां पहुंचने पर पता चला कि लाईट गुल है, पूछताछ करने पर बताया कि  8 दिन से लाइट नहीं है, ऐसे में 20 किलोमीटर दूर शिवपुरी ही जाना होगा, लेकिन कच्चे व पथरीले रास्ते से जाना होगा इसलिए प्रसव केन्द्र में ही डिलिवरी कराने का निर्णय लिया गया, इधर महिला की हालत भी बिगड़ती जा रही थी, जिसे देखते हुए डाक्टर सहित अन्य महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने मोबाइल फोन व मोमबत्ती की रोशनी में महिला की डिलिवरी कराई, हालांकि सबकुछ ठीक रहा महिला ने स्वस्थ बेटी को जन्म दिया.  गौरतलब है कि करीब पांच वर्ष पहले अस्पताल को अंधेरे से दूर रखने के लिए प्रसव केन्द्र सोलर लाइट लगाई गई थी, जिससे कुछ दिन तो यहां पर  रोशनी रही लेकिन बाद में सोलर लाइट ही चोरी चली गई, जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.  इसके बाद पिछले आठ दिन से स्वास्थ्य केन्द्र में लाइट नहीं है, यहां पर भरती महिला व उनके नवजात अंधेरे में पड़े है, गर्मी से परेशान हो रहे, मच्छरों की भरमार है इसके बाद भी स्वास्थ्य अधिकारियों को कुछ नहीं पता है.  वे यह कह रहे है कि उन्हे नहीं मालूम की लाइट नहीं है. 

मॉडल प्रसव केन्द्र बनाने लाखों रुपए खर्च किए-

झिरी प्रसव केन्द्र पर शिवपुरी के 25 गांव की 50 हजार से ज्यादा की आबादी निर्भर है, जिसे देखते हुए इस मॉडल प्रसव केन्द्र के रुप में विकसित करने के लिए  लाखों रुपए खर्च किए गए, उद्देश्य तो यही था कि मृत्यु दर में कमी लाना था, इसके लिए जोरशोर से प्रचार व प्रसार किया गया, यहां तक कि देश-विदेश की संस्थाओं ने यहां की व्यवस्थाओं को देखा था, शासन द्वारा यहां पर हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई, ट्रेड स्टाफ तक रखा गया, इसके बाद आज हालात ये है कि आठ दिन से लाइट नहीं है और जिम्मेदारों को पता नहीं है, मोबाइल फोन की रोशनी में डिलिवरी कराई जा रही है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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