काबुल. अफगानिस्तान के इतिहास में आज से एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है. ठीक बीस साल बाद एक बार फिर अफगानिस्तान की कमान तालिबान के हाथों में आ चुकी है. इस तख्तापलट के बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर पूरी दुनिया में चिंता का मौहाल है. एक तरफ जहां लोग काबुल से निकलने के लिए एयरपोर्ट का रुख कर रहे हैं तो वहीं एयरपोर्ट भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है. काबुल में एयरपोर्ट पर जबरदस्त फायरिंग हुई है
इस फायरिंग के बाद एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला. तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका जैसा देश भी बेबस नजर आ रहा है. एयरपोर्ट पर हमले की खबर के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों से एयरपोर्ट जाने से मना किया. अमेरिका ने अपने नागरिकों से सुरक्षित जगह पर शरण लेने को कहा है. बता दें सुरक्षा के मद्देनजर अमेरिका ने अपना दूतावास एयरपोर्ट पर ही शिफ्ट कर दिया था. इसके साथ ही काबुल के बाहरी इलाकों में दिन भर हुई हिंसा के बाद 40 लोग अस्पताल में भर्ती करवाए गए हैं.
अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को सुरक्षित बनाने के लिए अपने कब्जे में लेने का एलान किया है. अफगानिस्तान से निकलने का अभी एकमात्र रास्ता काबुल एयरपोर्ट ही नजर आ रहा है. काबुल एयरपोर्ट के पास गोलीबारी की खबरें थी. अब खबर है कि अमेरिकी सेना लोगों और खासकर राजनयिकों को निकालने के लिए अमेरिकी सेना अपने कब्जे में लेने जा रही है. काबुल से लोगों को निकालने का काम अभी जारी है.
तालिबान का राजधानी काबुल पर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है. तालिबानी लड़ाके काबुल में राष्ट्रपति भवन तक में घुस चुके हैं. देर रात राष्ट्रपति भवन के अंदर से तालिबानियों की तस्वीरें भी सामने आई. इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा. गनी ने बयान जारी कर कहा है कि लोगों को खून खराबे से बचाने के लिए ये कदम उठाना पड़ा.
वहीं काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने भी बयान जारी किया है. मुल्ला बरादर ने कहा, हम एक ऐसी जीत पर पहुंच गए हैं, जिसकी उम्मीद नहीं थी अल्लाह के सामने विनम्रता दिखानी चाहिए. अब यह परीक्षा का समय है, हमारी जिम्मेदारी लोगों की सेवा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अफगानिस्तान का आखिरी किला भी ढहा, राजधानी काबुल में घुसे तालिबान लड़ाके
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