काबुल. तालिबानी आतंकी जैसे-जैसे काबुल के करीब आ रहे हैं, अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के परिवारों की चिंता बढ़ती जा रही है. पिछले 24 घंटे में अफगानिस्तान के हालात तेजी से बदले हैं. काबुल से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर तालिबानी पहुंच चुके हैं और 19 से ज्यादा प्रांतों की राजधानी पर कब्जा कर चुके हैं. लिहाजा दुनिया भर की सरकारें अपने नागरिकों को लेकर अलर्ट हो गई हैं और भारत भी अपने नागरिकों को लेकर अलर्ट है. भारत सरकार ने अफगानिस्तान में फंसे अपने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
काबुल में भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने को कहा है. भारतीय नागरिकों से कहा गया है कि वे भारत लौटने के लिए तत्काल यात्रा की व्यवस्था करें. अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय कंपनियों को भी भारतीय कर्मचारियों को तुरंत वापस भेजने की सलाह दी गई है. हाल ही में तालिबान के कब्जे वाले इलाके से तीन भारतीय इंजीनियरों को बचाया गया है. ये इंजीनियर एक डैम प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे थे जहां से इन्हें एयरलिफ्ट करके सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया है.
इसके साथ ही भारत ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक बार फिर अपना स्टैंड साफ किया है और कहा है कि अफगानिस्तान में तत्काल युद्धविराम होना चाहिए. भारत अफगानिस्तान की सभी शांति पहल का समर्थन करता है. वहीं भारत, तालिबान के साथ चर्चा को लेकर सभी देशों के संपर्क में है. यही वजह है कि भारत काबुल में अपना दूतावास बंद नहीं करेगा लेकिन जैसे-जैसे अफगानिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा बढ़ी है, कई प्रांतों और शहरों में आम लोगों के लिए हवाई यात्रा सेवाएं बंद हो रही हैं, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन जैसे देश भी अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए परेशान हो गए हैं.
अमेरिका काबुल में दूतावास से अपने कर्मचरियों को निकालने के लिए 3 हजार कमांडो भेज रहा है. ब्रिटेन ने ऐलान किया कि वो अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 600 पैराट्रूपर कमांडो की टीम भेज रहा है. कनाडा भी अपने नागरिकों को निकालने के लिए स्पेशल ऑपरेशन कमांडो टीम भेज रहा है. ये संकेत हैं जिसे समझने की जरुरत हैं. अफगानिस्तान में पूर्ण तालिबान राज की आहट ज़ोर से सुनाई देने लगी है. अशऱफ गनी की सरकार ने सरेंडर के संकेत दिए हैं. खबर है कि वो कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं. इन सब के बीच तालिबान का कब्जा लगातार बढ़ रहा है. तालिबान ने 34 में से 19 प्रांतों की राजधानी पर कब्जा कर लिया है और कब्जे की इस लड़ाई में कितना कत्लेआम हो रहा है, इसका सही अंदाजा भी लगाना मुश्किल है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-काबुल के करीब पहुंचा तालिबान, नए शांति समझौते की तैयारी, राष्ट्रपति अशरफ गनी देंगे इस्तीफा?
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