छिंदवाड़ा में एक बहू खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए दहकते अंगारों पर चली. सारा समाज इसका गवाह बना. अंगारों पर चलने के कारण बहू के पैर झुलस गए. वाकया छिंदवाड़ा जिले के सौसर का है. यहां रहने वाले एक परिवार की बहू की अपनी सास के साथ लंबे समय से अनबन चल रही थी. सास का आरोप था कि उसकी बहू ने बेटे को कुछ खिलाकर अपने वश में कर रखा है.
रामायण के एक प्रसंग के अनुसार अपनी पवित्रता साबित करने के लिए माता सीता ने अग्नि परीक्षा दी थी. कलयुग में भी एक ऐसा ही उदाहरण छिंदवाड़ा में देखने को मिला. यहां एक महिला ने खुद को पाक साफ बताने के लिए अग्नि परीक्षा दी.
ये वाकया छिंदवाड़ा जिले के सौसर का है. यहां रहने वाले एक परिवार की बहू की अपनी सास के साथ लंबे समय से अनबन चल रही थी. सास का आरोप था कि उसकी बहू ने बेटे को कुछ खिलाकर अपने वश में कर रखा है. बस इसी बात पर घर में आये दिन किट किट होती थी. सास बहु पर ताने मारती थी. जब पानी सिर से ऊपर बहने लगा तो परेशान बहू एक बाबा बैरागी के चक्कर में पड़ गयी.
खूद को बेगुनाह साबित करने के लिए बहू एक ढोंगी बाबा के पास पहुंची. बाबा ने पहले तो धर्म ग्रंथ पर हाथ रख कर सास को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि बहू को कोई कसूर नहीं है. उसने कोई तंत्र मंत्र नहीं किया है. लेकिन सास थी कि मानी ही नहीं. बस यहीं से शुरू हुआ अग्नि परीक्षा का दौर. ढोंगी बाबा ने बहू को जलते अंगारों पर चलने का सुझाव दे डाला.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी सरकार OBC आरक्षण पर रोक हटाने हाईकोर्ट पहुंची, 27% आरक्षण पर स्टे हटाने दायर किया अंतरिम आवेदन
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