चेन्नई. तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार ने आज कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. प्रस्ताव के मुताबिक केंद्र से तीनों कृषि संबंधी कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया गया है. हालांकि इस दौरान विधानसभा में खूब हंगामा भी हुआ.
राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, पिछले एक साल के दौरान केंद्र सरकार के तीन किसान-संबंधी कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे.
इस दौरान कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव का विरोध करते हुए बीजेपी और एआईएडीएमके के विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया. बीजेपी और एआईएडीएमके ने आरोप लगाया कि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव जल्दबाजी में पेश किया गया है और राज्य सरकार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर किसानों की राय लेनी चाहिए थी.
बता दें कि पिछले साल नवंबर से किसान केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और दिल्ली-पंजाब के बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं. इस दौरान सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. किसान हर हाल में सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-संसदीय सीटें घटाने की वजह से तमिलनाडु को 5,600 करोड़ क्यों ना दे केंद्र: मद्रास हाईकोर्ट
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