पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में दहशत व खौफ का पयार्य बन चुका हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक एक बार फिर विदेशी राइफ ल सहित अन्य हथियारों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ गया, जिसने जबलपुर में दहशतगर्दी फैलाने के लिए तरह तरह के हथकड़े अपनाए, जिसमें वह सफल होता चला गया. इसके अपराधों की दास्तान 30 साल पुरानी है, जिसमें शहर में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया गया है, जिसमें कहीं न कहीं गैंगस्टर अब्दुल रज्जाक का नाम सामने आया है.
बताया जाता है कि रॉकई जिला नरसिंहपुर से करीब 62 वर्ष पहले जबलपुर के नया मोहल्ला आए अब्दुल वहीद ने गौर क्षेत्र से दूध के कारोबार से अपने पैर जमाना शुरु कर दिए, इनके बेटे अब्दुल रज्जाक ने बड़ा होकर दूध के कारोबार को आगे बढ़ाया और रुपया कमाने के लिए 1990 में टोल टैक्स बैरियर के ठेके में उतर आया, टोल नाका के धंधे में आने के बाद रज्जाक पहलवान ने शहर के राजनैतिक रसूख रखने वालों को अपने साथ लिया और एक के बाद एक बीजाडांडी, छपारा, भंडारा, तिलवारा, मेरेगांव के टोल नाका का ठेका हथिया लिया, देखते ही देखते नाका का ठेका लेकर अब्दुल रज्जाक ने अपने आप को स्थापित कर लिया, ठेकेदारी में अपनी बादशाहत स्थापित करने के लिए अब्दुल रज्जाक ने गैंग बनाना शुरु कर दिया, रज्जाक पहलवान के नाम से शहर में उसकी गैंग चलने लगी, इस बीच टोलनाका के एक और ठेकेदार महबूब अली गैंग से प्रतिस्पर्धा शुरु हो गई, दोनों के बीच तनाव बढ़ा ओर वर्ष 1996 में रज्जाक बस स्टेंड के पास जानलेवा हमला किया, जिसपर रज्जाक पहलवान के खिलाफ बलवा व 307 का प्रकरण दर्ज किया गया, यहीं से महबूब अली व रज्जाक पहलवान के बीच गैंगवार शुरु हो गया, इसके बाद से ही रज्जाक पहलवान चर्चाओं में आ गया और उसने अपनी बादशाहत कायम करने के लिए गुर्गो की मदद से लोगों को धमकी देना, मकान, जमीन औने पौने दामों में खरीदना शुरु कर दिया.
वर्ष 2003 में अक्कू की हत्या हो गई-
अब्दुल रज्जाक ने हाईकोर्ट के पास अपने ऊपर हुए कातिलाना हमले का बदला लेने की ठान ली, इसके बाद 14 जुलाई वर्ष 2003 मेें महबूब अली के छोटे भाई अक्कू की हत्या कर दी गई, जिसमें अब्दुल रज्जाक पर 120 बी का प्रकरण दर्ज किया गया, वहीं अन्य 19 के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया, जिसमें अभी न्यायालय से दोषमुक्त हो गए, इसके बाद से ही रज्जाक पहलवान ने शहर में अपनी गैंग के सहारे खौफ व दहशत कायम कर ली.
अब तक रज्जाक गैंग पर दर्ज हो चुके है 85 मामले-
हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक ने चर्चाओं मे आने के बाद ही जमीनों पर कब्जा करने, खाली कराने से लेकर धमकी देकर लोगों से सस्ती दरों पर जमीनें खरीदकर अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया, इस बीच अब्दुल रज्जाक व उसकी गैंग के गुर्गो के खिलाफ करीब 85 प्रकरण दर्ज हो चुकी है, जिसमें बलवा, हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, लूट व बमबाजी तक शामिल है.
शहर में दंगे फैलाने की साजिश रच चुका है रज्जाक का बेटा सरताज-
चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि हिस्ट्रीशीटर, कुख्यात बदमाश रज्जाक पहलवान का बेटा सरताज भी अपने पिता के नक्शेकदम पर ही रहा, उसने जेल में कुरान फाड़े जाने की झूठी खबर फैलाकर शहर में दंगे कराने की साजिश तक रची, इसम मले में सरताज के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए, लम्बे समय फरार होने के बाद सरताज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
अपने ही पुराने साथी को दी धमकी-
वर्ष 2006 में रज्जाक पहलवान ने गोहलपुर क्षेत्र में रहने वाले मोहम्मद अकरम पहलवान को जान से मारने की धमकी दी, हालांकि गवाहों को धमकी देकर अपने पक्ष में कर लिया, जबकि किसी समय अकरम पहलवान भी इसका खास गुर्गा हुआ करता रहा, दहशतगर्दी का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि इसके खिलाफ कोई गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था. कई लोगों तो इससे प्रताडि़त हुए शहर छोडऩे को मजबूर हुए लेकिन थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते रहे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर के कुख्यात बदमाश अब्दुल रज्जाक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, घर में मिली विदेशी राइफल
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