नई दिल्ली. मुसलमानों के धार्मिक संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद ने मुस्लिम लड़कियों के इस्लाम धर्म छोड़ने पर चिंता जताई है. साथ ही लड़कियों के लिए अलग शिक्षा संस्थान खोलने की जरूरत बताई है. जमीयत उलेमा ए हिंद ने कहा कि मुस्लिम लड़कियां अपना धर्म छोड़ रही है. ऐसी मुस्लिम लड़कियों की तादाद बढ़ रही है, जो अपना धर्म छोड़ रही हैं. हालांकि जमीयत ने ये साफ नहीं किया कि ऐसा क्यों हो रहा है? लेकिन इसका मतलब ये निकाला जा रहा है कि मुस्लिम लड़कियां दूसरे धर्म में शादी कर रही हैं, इसलिए वो अपना धर्म छोड़ रही हैं.
जमीयत ने अपने बयान में कहा है कि कुछ गैर मुस्लिम लड़के मुस्लिम लड़कियों से संगठित तौर पर शादी कर रहे हैं, और इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. जमीयत के मुताबिक मुसलमानों को लड़कियों के लिए अलग शिक्षा संस्थान खोलना चाहिए जहां उन्हें धार्मिक शिक्षा भी दी जाए. संगठन का कहना है कि मुस्लिम लड़कियां अपना धर्म इसलिए छोड़ रही हैं, क्योंकि उन्हें अपने धर्म का सही ज्ञान नहीं है.
जमीयत की ओर से बयान उनके अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिया है. मदनी ने गैर मुस्लिम संस्थाओं से भी कहा है कि वो लड़कियों के लिए अलग शिक्षा संस्थान बनाएं. गौरतलब है कि हिंदू संगठन मुसलमानों पर संगठित तौर पर लव जिहाद का आरोप लगाते रहे हैं.
दूसरी ओर मौलाना मदनी के बयान पर सियासत यूपी की सियासत में बयानबाजी शुरू हो गई है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये लोग मुस्लिम तुष्टीकरण करते हैं. हमारे यहां बेटी और बेटा एक समान हैं. ऐसे लोगों को जनता माफ नहीं करेगी.
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता सुनील साजन ने कहा कि देश बहुत आगे जा चुका है. ये मौलाना अरशद मदनी और उनके धार्मिक संगठन की सोच हो सकती है. लेकिन अब बेटी और बहू में बेटा देखा जाता है. उन्हें अलग-अलग स्कूल भेजने की जरूरत नहीं, बल्कि अच्छी परवरिश और संस्कार देने की जरूरत है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में बढ़े सीएनजी-पीएनजी के दाम
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