एमपी में सरकारी भर्तियों-परीक्षाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू: एमपीपीएससी, चिकित्सा शिक्षा, शिक्षकों की भरती पर रहेगी रोक

एमपी में सरकारी भर्तियों-परीक्षाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू: एमपीपीएससी, चिकित्सा शिक्षा, शिक्षकों की भरती पर रहेगी रोक

प्रेषित समय :21:29:21 PM / Thu, Sep 2nd, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को सरकारी भर्तियों व परीक्षाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है, जिसमें कहा गया है कि जिन परीक्षाओं व भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, उनमें रोक रहेगी.

बताया जाता है कि पीजी, नीट 2019-20, पीएससी, मेडिकल अधिकारी भर्ती, शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, इस आदेश के बाद जब एमपी में 64 विभाग में एक लाख से अधिक खाली पदों को भरने की प्रक्रिया तेज होगी, 15 माह की कमलनाथ सरकार ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था, इस मामले में पहले मार्च 2019 में अध्यादेश लाकर सरकार ने बढ़ा हुआ आरक्षण लागू किया, जिसपर हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया था, इसके बाद मामले को उस वक्त तत्कालीन सरकार ने कैबिनेट से अनुमोदन के बाद जुलाई 2019 में विधानसभा से पारित कराया और सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया.

इसके बाद जैसे ही सरकारी भर्तियां  शुरु हुई तो उनके खिलाफ हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दायर की गई, हाईकोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण पर रोक लगाते हुए 14 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कहा, इधर सरकार का कहना है कि कानून पर हाईकोर्ट की ओर से किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है, हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी, चिकित्सा शिक्षा व शिक्षकों की भर्ती में 14 प्रतिशत ही ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने का अंतरिम आदेश दिया है.

शिवराज सरकार ने मामले में कानून के जानकारों से सलाह ली गई जिसमें यह बात सामने आई कि एमपी में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को लेकर बनाए गए कानून पर कोई रोक नहीं है, सिर्फ  6 याचिकाएं जिनपर  एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है उनपर 14 प्रतिशत आरक्षण रखने का अंतरिम आदेश दिया है, इसलिए पिछड़ा वर्ग को अरक्षण दिए जाने का प्रदेश में कानून लागू है. इधर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में सलाह मांगी थी, जिसपर महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई है, सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में इस वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश जारी किया गया है, उन्होने यह भी साफ कहा है कि महाधिवक्ता के सलाह के अनुसार ही आगे भर्तियां की जाएगी. 

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