नई दिल्ली. लोकसभा से पारित होने के बाद बुधवार को राज्यसभा से भी ओबीसी आरक्षण संविधान संशोधन बिल सर्वसम्मति से पास हो गया. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 187 वोट पड़े, जबकि विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. राज्यसभा से पारित किए जाने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
ऐसा कम ही होता है जब संसद में किसी बिल के खि़लाफ़ एक भी वोट न पड़े. पेगासस और कृषि क़ानूनों के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही में लगातार हंगामा करती आई विपक्षी पार्टियों ने पहले ही बिल के समर्थन का ऐलान कर दिया था. जाहिर है इस बिल के राजनीतिक परिणामों को देखते हुए कोई भी पार्टी इसके विरोध करने का रिस्क नहीं लेना चाहती थी.
गौरतलब है कि लोकसभा में मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पारित हुआ. मोदी सरकार के इस विधेयक का कांग्रेस, सपा, बसपा सहित समूचे विपक्ष ने भी समर्थन किया. बिल को लेकर हुए मत विभाजन के दौरान इसके पक्ष में कुल 385 सदस्यों ने वोट दिया, जबकि खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा.
लोकसभा में केंद्र सरकार ने सोमवार को ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया था. इस विधेयक पर मंगलवार को चर्चा शुरू हुई. अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची तैयार करने का अधिकार राज्यों को देने से जुड़े इस विधेयक को विपक्ष का भी समर्थन मिला. विपक्ष ने भी एक मत होकर इस विधेयक का समर्थन किया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली सीएम केजरीवाल को बड़ी राहत, सीएस पिटाई मामले में आरोपों से अदालत ने बरी किया
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