तालिबान का दावा- पंजशीर पर हमारा कब्जा, अमरुल्ला सालेह बोले- ये अफवाह, मैं अपनी मिट्टी के साथ

तालिबान का दावा- पंजशीर पर हमारा कब्जा, अमरुल्ला सालेह बोले- ये अफवाह, मैं अपनी मिट्टी के साथ

प्रेषित समय :08:36:33 AM / Sat, Sep 4th, 2021

काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन के ऐलान से एक दिन पहले शुक्रवार को तालिबान ने दावा किया है कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा कर लिया है. तालिबान सूत्रों के हवालों से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा कि तालिबान ने अब पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा करने का दावा किया है. तालिबान ने कहा कि अब पंजशीर हमारे नियंत्रण में है. पंजशीर पर कब्जे के बाद काबुल में तालिबानी लड़ाकों ने खुशी जताते हुए आसमान में फायरिंग भी की.

वहीं एक तालिबानी कमांडर ने कहा कि अल्लाह की कृपा से अब हमारा पूरा अफगानिस्तान में नियंत्रण हो गया है. परेशानियां पैदा करने वालों को हमने हरा दिया है और अब पंजशीर में हमारे नियंत्रण में है. हालांकि पंजशीर पर तालिबान के दावे की आधारिक पुष्टि होना बाकी है.

इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने उनके देश छोड़ने की खबर को खारिज करते हुए कहा कि ये खबर झूठी है. इसके अलावा उन्होंने पंजशीर घाटी पर तालिबान के कब्जे की भी पुष्टि नहीं की है. अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर कहा कि प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा. मैं यहां अपनी मिट्टी के साथ हूं, अपनी मिट्टी के लिए और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए खड़ा हूं.

इससे पहले शुक्रवार को तालिबान की तरफ से नई अफगान सरकार के गठन की तारीख को एक दिन के लिए और टाल दिया गया है. चरमपंथी संगठन के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद के मुताबिक नई अफगान सरकार के गठन की घोषणा शुक्रवार को की जानी थी, लेकिन अब इसमें एक दिन की देरी हो गई है. मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन का ऐलान अब शनिवार को की जाएगी. सूत्रों ने कहा कि कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के तालिबान सरकार के प्रमुख होने की संभावना है.

अफगानिस्‍तान के 34 प्रांतों में से एक पंजशीर घाटी की खासियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां कभी तालिबान अपने पांव नहीं पसार सका है और आज भी यह घाटी उसके दंश से पूरी तरह महफूज है. 70 और 80 के दशक में सोवियत संघ ने भी इस घाटी की डोर कब्जाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. पंजशीर को ‘पंजशेर’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब ‘पांच शेरों की घाटी’ है.

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