सिक्किम : अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, दर्शनीय मठ, अनुपम घाटियां

सिक्किम : अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, दर्शनीय मठ, अनुपम घाटियां

प्रेषित समय :10:54:26 AM / Sat, Sep 4th, 2021

सिक्किम पर्यटन की दृष्टि से बेहद ही खूबसूरत प्रदेश हैं. यहाँ के लोग इतने शांतिप्रिय हैं की यह प्रदेश सैलानी के लिए स्वर्ग के समान है.सिक्किम अपने अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य, दर्शनीय मठों, अनुपम घाटियों, मनोहर पर्वतश्रेणि के कारण सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है. यहाँ अनेक धर्म और संप्रदाय बड़े ही प्रेम और आपसी सदभव के साथ रहते हैं. सिक्किम का मौसम सदाबहार है. यहाँ का मौसम सालों भर सुखद व आनंददायक रहता है. यही कारण ही की बड़ी संख्या में सैलानी सिक्किम यात्रा पर जाना पसंद करते हैं.

गंगटोक 

सिक्किम का छोटा शहर गंगटोक पर्यटन की दृष्टि से खास है. इसकी प्राकृतिक सुंदरता आलौकिक और अद्भुत जान पड़ती है. समुन्द्र तल से करीब 1800 मीटर ऊंची गंगटोक, सिक्किम राज्य की राजधानी है. यहाँ 100 से ज्यादा बौद्ध गुभाएं स्थित हैं. इस कारण इसे गुफाओं का नगर भी कहा जा सकता है. यह शहर सिक्किम पर्यटन पर आने वाले सैलानियों को बेहद ही आकर्षित करती है. 

1. एनके मोनास्ट्री या गुम्फा–

इस गुफा का इतिहास 150 वर्षों से भी पुरानी है. कहा जाता है की इस गुफा कीस्थापना सन 1840 ईस्वी में हुई थी. इस गुम्फा के अंदर कई देवी-देवताओं कीभव्य प्रतिमायें, लामानृत्य से संबंधित मुखौटे आदि नजर आते हैं.साथ ही भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा भी मौजूद है. यहाँ रिसर्च इन्स्टीट्यूटऑफ तिब्बतियोलोजी, महायान बौद्ध धर्म की किताबें, अजन्ता शैली की पेन्टिग्स

इत्यादि दिखाई पड़ते हैं. इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलालनेहरू ने किया था.

2. नाथूला दर्रा

यह स्थल समुन्द्र तल से लगभग 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. भारत और तिब्बत के बीच स्थित नाथू ला दर्रा की दूरी चांगू लेक से करीब 18 किलोमीटर है. समुन्द्र तल से बेहद ऊंचाई पर स्थित इस स्थान का तापमान जाड़े के मौसम में शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाता है. नाथूला दर्रा चीन के बॉर्डर से सटा है. इस कारण इस स्थल के पास भारत और चीन की सेना की मौजूदगी देखी जा सकती है. नाथू ला के बाद आप फ़ोदन मोनास्ट्री की सैर कर सकते हैं जो सिक्किम के सबसे प्रसिद्ध मठ में से एक मानी जाती है. कहते हैं की भारत और चीन के बीच 80% व्यापार नाथूला दर्रा के रास्ते होता था. अतः सामरिक दृष्टि से यह बड़ा ही महत्वपूर्ण है.

3. फ़ोदन मोनास्ट्री –

यह मोनास्ट्री गंगटोक शहर से उत्तर की ओर करीव 41 कि.मी. दूरी पर स्थित है. यह मोनास्ट्री सौन्दर्य की दृष्टिकोण से अनुपम है. यहाँ की दीवारों पर बनी पेण्टिंग्स व भित्ति चित्र देखने योग्य है जो पर्यटक का ध्यान बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है.

4. रुमटेक मोनास्ट्री गुफा –

यह गुम्फा, गंगटोक शहर से करीव 25 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. इसकी गिनती विश्व की अद्वितीय व समृद्ध गुफाओं में की जाती है. चीन द्वारा तिब्बत पर जबरन कब्जा के बाद तिब्बतियों के 16 वें धर्मगुरु गोपालवा कर्मापा ने सिक्किम के इसी स्थल को अपना निवास स्थल बनाया. चतुर्थ चोग्याल द्वारा स्थापित मोनास्ट्री जब भूकम्प में नष्ट हो गयी, उसके बाद रूमटेक में नया बौद्ध विहार का निर्माण किया गया. कहते है की इसी स्थल पर बौद्ध धर्म के 16वें धर्मगुरु करमापा के अवशेष रखे हुए हैं. यहां स्वर्ण मृग व स्तूप, धर्मचक्र, सोने के बुद्ध, बेशकीमती जवाहरात से सजी गुफा तथा कई अन्य बस्तुएं दर्शनीय है. यहाँ पर पर्यटकों को ठहरने के लिए कई होटल उपलब्ध हैं.

5. लाचुंग

समुन्द्र तल से तकरीबन 2500 मीटर ऊंची सिक्किम का ‘लाचुंग’ एक बेहद ही खूबसूरत स्थल है. लाचुंग, जिसे जीरो पॉइंट तक पहुंचने के द्वार के रूप में जाना जाता है. लाचुंग यात्रा के क्रम में आपको कई मनोरम झड़ने देखनों को मिल जाएंगे. यहाँ की हरियाली और मनोरम सुषमा मन को आनंदित कर देती है. पूरे सफर में आपको कई वॉटर फॉल्स देखने को मिल जायेंगे. यह स्थान तिब्बत बॉर्डर से महज 15.5 की मी की दूरी पर स्थित है.

6. सोमगो झील

यह स्थल समुन्द्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. खूबसूरत चांगू-लेक, सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 40 किलोमीटर दूर है. श्रीनगर की डल झील तरह चांगु लेक भी सिक्किम पर्यटन पर आने वाले के लिए दर्शनीय है. यहाँ का तापमान भी बहुत कम हो जाता है. जनवरी के महिने में इस लेक का पानी जाम जाता है. इस लेक की यात्रा करने के लिए सिक्किम पर्यटन विभाग से मंजूरी लेनी पड़ती है. पर्यटक यहाँ ‘आक’(एक प्रकार का जानवर) के सवारी का भी आनंद ले सकते हैं.

7. खेचियोपलरी लेक

खेचियोपलरी का अर्थ होता है विशिंग लेक. यह लेक एक चोटीछोटी सी घाटी केबीच स्थित है. इसके चारों ओर सघन बन दिखाई पड़ते हैं. यह स्थान बौद्ध धर्मको मानने वालों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. कहते हैं की यहाँ आने वाले कीमनोकामना पूर्ण होती है.

8. पश्चिम सिक्किम का गेजिंग शहर

समुन्द्र तल से करीब 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गेजिंग, सिक्किम काप्रसिद्ध स्थल है. करीब 4 की मि के क्षेत्र में फैला इस जगह पर पश्चिम सिक्किमजिला का हेड क्वाटर स्थित है. कहते हैं की गेजिंग का प्राचीननाम ‘गियालसिंग’ था.यहाँ का मौसम बड़ा ही खुशनुमा है. पर्यटक को यहाँ ठहरने के लिए होटल औरगेस्ट हाउस उपलब्ध हैं. इस स्थान से एक रास्ता दुनियाँ की तीसरी सबसे ऊंचीचोटी कंचनजंघा की तरफ भी जाती है.

9.केचुपेरी-

सुंदर और मनोरम पहाड़ी से घिरा केचुपेरी एक प्राकृतिक झील है. कहते हैं की इस झील का जल बड़ा ही निर्मल और चमत्कारी गुणों से भरपूर है. मान्यता है की इस जल में स्नान करने से रोगों की मुक्ति मिलती है.

10 बौद्ध विहार-

संभवतः इसका निर्माणकाल 17 वीं शताब्दी के आस-पास माना जाता है. इस बौद्ध विहार की दीवारों पर अनेकों भित्ति-चित्र दिखाई पड़ते हैं. जो पर्यटक को बेहद आकर्षित करता है. गंगटोक से बस द्वारा यहाँ आसानी से पहुंचा जा सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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